
तिरुपति मंदिर भगदड़, वैकुंठ द्वार दर्शन टोकन, तिरुपति बालाजी मंदिर, वैकुंठ एकादशी दर्शन
तिरुपति मंदिर भगदड़: 6 की मौत, 40 घायल: तिरुपति बालाजी मंदिर में बुधवार रात वैकुंठ द्वार दर्शन टोकन के वितरण के दौरान भारी भीड़ की वजह से भगदड़ मच गई। इस हादसे में 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जिसमें एक महिला भी शामिल है। 40 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनका स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है।

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Toggleतिरुपति बालाजी मंदिर, वैकुंठ एकादशी दर्शन, घटना कैसे हुई?
वैकुंठ एकादशी था । इसी कारण तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने 10 जनवरी से 19 जनवरी तक वैकुंठ द्वार के दर्शन के लिए टोकन जारी करने की घोषणा की थी। बुधवार को 9:30 बजे जब टोकन लेने के लिए लोग कतार में खड़े थे, अचानक भगदड़ मच गई।
- काउंटर पर भीड़:
TTD ने टोकन वितरण के लिए 91 काउंटर खोले थे। इन काउंटरों पर 4,000 से अधिक श्रद्धालु खड़े थे। बैरागीपट्टेडा पार्क में कतार लगाने के निर्देश के बावजूद लोग आगे बढ़ने की होड़ में धक्का-मुक्की करने लगे। - अफरा-तफरी:
अफरा-तफरी के दौरान लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। कई श्रद्धालु बुरी तरह घायल हुए। मल्लिका नाम की महिला की मौके पर ही मौत हो गई।
प्रशासन और नेताओं की प्रतिक्रिया
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने घटना पर दुख जताया और उच्च अधिकारियों से स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने घायलों के इलाज और राहत कार्य के लिए तुरंत निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने भी हादसे पर शोक व्यक्त किया है।
टोकन वितरण की प्रक्रिया
TTD ने वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए टोकन वितरण की विस्तृत योजना बनाई थी।
- टोकन वितरण की व्यवस्था:
9 जनवरी को सुबह 5 बजे से तिरुपति और तिरुमला में कुल 8 केंद्रों पर 90 काउंटर खोले गए। - दर्शन की समय सीमा:
वैकुंठ एकादशी के लिए 10 से 19 जनवरी के बीच लगभग 7 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।
तिरुपति बालाजी मंदिर: महत्वपूर्ण जानकारी
तिरुमला तिरुपति देवस्थानम भारत का सबसे प्रसिद्ध और अमीर मंदिर है। यह भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है।
- मंदिर का महत्व:
11वीं सदी में स्थापित यह मंदिर आंध्र प्रदेश के सेशाचलम पर्वत पर स्थित है। - भक्तों की आस्था:
मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। यहां प्रसिद्ध “लड्डू प्रसाद” मिलता है, जिसकी रेसिपी 300 साल पुरानी है। - दान का महत्व:
मान्यता है कि भगवान वेंकटेश्वर ने धन के देवता कुबेर से विवाह के लिए कर्ज लिया था। भक्त दान के माध्यम से भगवान का यह कर्ज चुकाने में मदद करते हैं।

हादसे के बाद स्थिति
भगदड़ के बाद प्रशासन ने घटनास्थल पर स्थिति को सामान्य करने का प्रयास किया। घायलों को तुरंत एंबुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया। प्रशासन ने दोबारा ऐसी स्थिति न हो, इसके लिए विशेष इंतजाम करने की बात कही है।
टोकन वितरण के नए निर्देश
TTD ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और धैर्य बनाए रखें।
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दीपक चौधरी एक अनुभवी संपादक हैं, जिन्हें पत्रकारिता में चार वर्षों का अनुभव है। वे राजनीतिक घटनाओं के विश्लेषण में विशेष दक्षता रखते हैं। उनकी लेखनी गहरी अंतर्दृष्टि और तथ्यों पर आधारित होती है, जिससे वे पाठकों को सूचित और जागरूक करते हैं।