मधुमेह में सुबह की सैर: मिथक और तथ्य

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मधुमेह में सुबह की सैर: कैसे करें और इसके फायदे

मधुमेह और मॉर्निंग वाक के फायदे
मधुमेह और मॉर्निंग वाक के फायदे

 मधुमेह में सुबह की सैर का महत्व 

मधुमेह में सुबह की सैर जरूरी है। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने के साथ अन्य कई लाभ देती है।अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन के मुताबिक, डायबिटीज़ के मरीज़ों को रोज़ाना 10,000 कदम या कम से कम 30 मिनट वॉक करनी चाहिए. अगर आपको एक बार में 30 मिनट चलने में दिक्कत हो, तो दिन भर में सुबह, दोपहर, और शाम को 10-10 मिनट चलें.

30 मिनट एक बार मे नहीं  चल पा  रहे है तो तो 10 -10 मिनट 3 बार चलना चाहिए
30 मिनट एक बार मे नहीं चल पा रहे है तो तो 10 -10 मिनट 3 बार चलना चाहिए

मधुमेह में कैसे करें सुबह की सैर 

  1. हल्के व्यायाम से शुरुआत करें।
  2. 10-15 मिनट की धीमी चाल अपनाएं।
  3. धीरे-धीरे समय और दूरी बढ़ाएं।
  4. आरामदायक जूते पहनें।
  5. पानी की बोतल साथ रखें।
  6. खाली पेट सैर से बचें। हल्का नाश्ता करें।
  7. सुबह की ठंडी और साफ हवा में सैर करें।
  8. सैर के दौरान गहरी सांस लेने का अभ्यास करें।

मधुमेह और सुबह की सैर के फायदे: वैज्ञानिक आंकड़े

  • ब्लड शुगर नियंत्रण: रोज 30 मिनट चलने से ग्लूकोज 20% तक कम हो सकता है।
  • हृदय स्वास्थ्य: हृदय रोग का खतरा 25% तक घटता है।
  • वजन नियंत्रण: 150 मिनट/सप्ताह चलने से वजन घटाने में मदद मिलती है।
  • कोलेस्ट्रॉल स्तर: नियमित सैर से खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) में कमी आती है।
  • इंसुलिन संवेदनशीलता: सैर करने से शरीर इंसुलिन का बेहतर उपयोग करता है।
  • सुबह की सैर से मांसपेशियां ज़्यादा ग्लूकोज़ का इस्तेमाल करती हैं और शरीर की अतिरिक्त चर्बी कम होती है

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रोचक तथ्य: सुबह की सैर से मधुमेह पर असर

  1. सूरज की रोशनी विटामिन डी बढ़ाती है। यह इंसुलिन संवेदनशीलता सुधारता है।
  2. नियमित सैर से तनाव कम होता है।
  3. 10,000 कदम चलने से मधुमेह के जोखिम में 40% कमी आती है।
  4. सुबह की सैर से मेटाबॉलिज्म 20% तक तेज होता है।
  5. जिन लोगों ने 1 साल तक रोजाना 5 किलोमीटर चले, उनके ब्लड शुगर स्तर में 30% तक सुधार देखा गया।
  6. सुबह की सैर शरीर की जैविक घड़ी को सही बनाए रखती है।

अतिरिक्त लाभ

  • मूड में सुधार: सैर के दौरान एंडोर्फिन हार्मोन का स्तर बढ़ता है। यह मूड बेहतर करता है।
  • स्मरण शक्ति में वृद्धि: नियमित सैर से मस्तिष्क की कार्यक्षमता में सुधार होता है।
  • सामाजिक संबंध: सामूहिक सैर करने से सामाजिक जुड़ाव बढ़ता है।

नतीजा

मधुमेह के मरीजों को सुबह की सैर को दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए लाभकारी है। नियमित सैर से न केवल ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता भी बढ़ती है। इसलिए आज से ही सुबह की सैर शुरू करें और स्वस्थ जीवन जीएं।

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