” क्या गिरफ्तार होंगे अजीत डोभाल: पन्नू हत्याकांड में समन! अमेरिका की अदालत का बड़ा कदम”

अमेरिका की अदालत ने डोभाल के नाम समन जारी किया है

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भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को भेजा समन – साजिश, हत्या और वैश्विक तनाव का खेल!

अमेरिका में बड़ा खुलासा – भारत सरकार पर हत्या की साजिश का आरोप!

दुनिया की सबसे ताकतवर खुफिया एजेंसियों में से एक, अमेरिका की एफबीआई, और अदालत में एक ऐसा केस सामने आया है जिसने भारत और अमेरिका के रिश्तों में हलचल मचा दी है। सिख कार्यकर्ता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश का मामला अब अदालत में पहुंच चुका है, और इसका निशाना सीधे भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल बने हैं!

क्या थी साजिश, और कैसे हुआ खुलासा?

अमेरिकी संघीय अदालत में दायर दस्तावेजों के मुताबिक, पन्नू ने अपनी याचिका की प्रति अजीत डोभाल को सौंप दी है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि भारत सरकार, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) और कई वरिष्ठ अधिकारियों ने एक कॉन्ट्रैक्ट किलर को पन्नू की हत्या के लिए हायर किया था।

लेकिन ट्विस्ट तब आया जब जिसे हत्यारा समझा जा रहा था, वह असल में एक अंडरकवर अमेरिकी एजेंट निकला! यह साजिश विफल हो गई, और अब मामला पूरी दुनिया के सामने आ गया है।

डोभाल को समन कैसे दिया गया?

यह मामला इतना बड़ा था कि डोभाल को समन देने के लिए निजी जांचकर्ताओं की मदद ली गई। अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों ने समन स्वीकार करने से इनकार कर दिया, लेकिन फिर भी अदालत ने आदेश दिया कि डोभाल को किसी भी माध्यम से समन भेजा जाए

आखिरकार, 12 फरवरी 2025 को अमेरिकी अदालत ने आदेश दिया कि समन आधिकारिक रूप से भेजा गया और प्रक्रिया पूरी हो गई। इसका मतलब है कि अब डोभाल को 21 दिनों के भीतर अदालत में जवाब देना होगा

क्या कहते हैं पन्नू और उनके वकील?

पन्नू ने अदालत में कहा,
“प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर, अजीत डोभाल और उनके सहयोगियों ने अमेरिकी संप्रभुता का उल्लंघन किया और एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की साजिश रची। लेकिन अब, न्याय होगा!”

उनके वकील मैथ्यू बोर्डन का कहना है कि “अब डोभाल अपनी संलिप्तता को छिपा नहीं सकते। हमने कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है और हम न्याय सुनिश्चित करने के लिए तत्पर हैं।”

भारत-अमेरिका के रिश्तों पर असर?

यह मामला सिर्फ एक कानूनी लड़ाई नहीं, बल्कि भारत और अमेरिका के कूटनीतिक संबंधों के लिए भी बड़ी चुनौती बन सकता है। अगर अमेरिका इस केस को गंभीरता से लेता है, तो इसका असर भारत-अमेरिका की दोस्ती और सुरक्षा साझेदारी पर भी पड़ सकता है।

क्या होगा आगे?

अब सवाल ये है – क्या अजीत डोभाल अमेरिकी अदालत में पेश होंगे? क्या भारत सरकार इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया देगी? और सबसे बड़ी बात, क्या अमेरिका भारत के खिलाफ कोई कड़ा कदम उठाएगा?

जवाब आने वाले हफ्तों में सामने आएंगे, लेकिन एक बात साफ है – यह मामला यूं ही दबने वाला नहीं है!

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