रात 3 से 5 बजे के बीच क्यों जाग जाते हैं लोग ?– मेडिकल साइंस की नजर से समझें

क्या आप भी 3 से 5 बजे के बीच जाग जाते हैं, और दोबारा सोने में कठिनाई होती है, तो यह केवल एक संयोग नहीं बल्कि शरीर की जैविक घड़ी, हार्मोनल बदलाव, तनाव, ब्लड शुगर स्तर और सर्कैडियन रिदम (Circadian Rhythm) में गड़बड़ी से जुड़ा हो सकता है। मेडिकल रिसर्च के अनुसार, इस दौरान बार-बार जागने के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं, जिन्हें समझकर आप अपनी नींद को बेहतर बना सकते हैं।
- ब्लड शुगर लेवल में अचानक गिरावट (Hypoglycemia)

शरीर की ऊर्जा के लिए ग्लूकोज (ब्लड शुगर) जरूरी होता है, लेकिन रात के समय ब्लड शुगर का स्तर अचानक गिरने से नींद टूट सकती है।
🔍 क्या होता है?
- जब ब्लड शुगर बहुत कम हो जाता है, तो शरीर इसे स्थिर करने के लिए एड्रेनालिन और कोर्टिसोल जैसे हार्मोन रिलीज करता है।
- ये हार्मोन शरीर को अलर्ट मोड में डालते हैं, जिससे आप अचानक 3 से 5 बजे के बीच जाग सकते हैं।
🛠️ कैसे रोकें?
- सोने से पहले हेल्दी स्नैक (जैसे बादाम, शहद, या कम कार्बोहाइड्रेट वाला खाना) खाएं।
- रात में हल्का भोजन करें, ताकि रातभर ब्लड शुगर लेवल स्थिर बना रहे।
📖 स्रोत: The Effects of Sleep Restriction on Glucose Metabolism
- कोर्टिसोल हार्मोन और तनाव (Cortisol and Stress)

कोर्टिसोल हार्मोन, जिसे स्ट्रेस हार्मोन भी कहा जाता है, अगर अधिक मात्रा में रिलीज हो तो यह नींद को बाधित कर सकता है।
🔍 क्या होता है?
- तनावग्रस्त लोग अक्सर क्रॉनिक कोर्टिसोल लेवल (Chronic Cortisol Levels) का सामना करते हैं, जिससे नींद चक्र प्रभावित होता है।
- कोर्टिसोल का स्तर सुबह 3 से 5 बजे के बीच प्राकृतिक रूप से बढ़ता है, जिससे व्यक्ति जल्दी जाग सकता है।
🛠️ कैसे रोकें?
- मेडिटेशन और डीप ब्रीदिंग (गहरी सांस लेने की तकनीक) अपनाएं।
- सोने से पहले गर्म पानी से स्नान करें, जिससे कोर्टिसोल का स्तर कम होगा।
- कैफीन और शराब से बचें, क्योंकि ये कोर्टिसोल को असंतुलित कर सकते हैं।
📖 स्रोत: Diurnal Cortisol Patterns and Stress
- सर्कैडियन रिदम और जैविक घड़ी (Circadian Rhythm Disruption)

सर्कैडियन रिदम हमारे शरीर की आंतरिक घड़ी होती है, जो नींद और जागने के चक्र को नियंत्रित करती है। अगर यह असंतुलित हो जाए, तो नींद बार-बार टूट सकती है।
🔍 क्या होता है?
- यदि आपका स्लीप पैटर्न अनियमित है या आप रात को देर तक स्क्रीन (मोबाइल, लैपटॉप) देखते हैं, तो यह सर्कैडियन रिदम को गड़बड़ कर सकता है।
- रात के समय रोशनी (Light Exposure) में अधिक समय बिताने से भी शरीर की घड़ी प्रभावित हो सकती है।
🛠️ कैसे रोकें?
- सोने और जागने का समय निश्चित रखें, यहां तक कि वीकेंड पर भी।
- ब्लू लाइट ब्लॉकिंग ग्लासेस का उपयोग करें और सोने से पहले स्क्रीन टाइम कम करें।
- सूरज की रोशनी में ज्यादा समय बिताएं, जिससे जैविक घड़ी को सही संकेत मिलें।
📖 स्रोत: Circadian System, Sleep, and Endocrinology
- उम्र और हार्मोनल बदलाव (Aging and Hormonal Imbalances)

जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, नींद को नियंत्रित करने वाले हार्मोन मेलाटोनिन (Melatonin) और ग्रोथ हार्मोन का स्तर कम होने लगता है।
🔍 क्या होता है?
- बुजुर्गों में गहरी नींद (Deep Sleep) का समय कम हो जाता है, जिससे वे रात में अधिक बार जागते हैं।
- महिलाओं में मेनोपॉज या एस्ट्रोजन-प्रोजेस्टेरोन के स्तर में गिरावट भी रात की नींद प्रभावित कर सकती है।
🛠️ कैसे रोकें?
- रात में डार्क चॉकलेट, केला, या गर्म दूध लेने से मेलाटोनिन स्तर बढ़ सकता है।
- सोने का वातावरण ठंडा और शांत रखें।
- जरूरत हो तो मेलाटोनिन सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
📖 स्रोत: Healthy Sleep and Hormonal Regulation
- मानसिक स्वास्थ्य और चिंता (Mental Health and Anxiety)
डिप्रेशन और एंग्जायटी (Depression & Anxiety) से पीड़ित लोगों को अक्सर नींद में रुकावट होती है, खासकर सुबह के समय।
🔍 क्या होता है?
- चिंता या डिप्रेशन वाले लोगों में रैपिड आई मूवमेंट (REM) नींद कम हो सकती है।
- रात में नकारात्मक विचारों की अधिकता के कारण व्यक्ति सुबह जल्दी उठ सकता है।
🛠️ कैसे रोकें?
- योग और माइंडफुलनेस मेडिटेशन करें।
- थैरेपी या काउंसलिंग करवाएं, अगर आपको नींद से जुड़ी गंभीर समस्याएं हो रही हैं।
- सोने से पहले जर्नलिंग (अपने विचारों को लिखना) करें, जिससे दिमाग शांत रहेगा।
📖 स्रोत: Sleep Patterns and Mental Health
💡 कैसे पाएं गहरी और आरामदायक नींद?
अगर आप हर रात 3 से 5 बजे के बीच जाग जाते हैं, तो नीचे दिए गए उपाय आपकी मदद कर सकते हैं:
✅ रात में हल्का और पौष्टिक भोजन करें – भारी भोजन ब्लड शुगर असंतुलन बढ़ा सकता है।
✅ रात को सोने से पहले एक नियमित रूटीन अपनाएं – किताब पढ़ें या हल्का संगीत सुनें।
✅ कैफीन और शराब से बचें – ये आपके सर्कैडियन रिदम को बाधित कर सकते हैं।
✅ मेडिटेशन और योग करें – कोर्टिसोल को कम करने और गहरी नींद लाने में मदद मिलती है।
✅ जरूरत हो तो डॉक्टर से सलाह लें – अगर समस्या बनी रहती है, तो किसी स्लीप स्पेशलिस्ट से मिलें।
🎯 निष्कर्ष
अगर आप नियमित रूप से 3 से 5 बजे के बीच जाग जाते हैं, तो इसका कारण सिर्फ आपकी आदत नहीं, बल्कि शारीरिक और मानसिक कारण भी हो सकते हैं। ब्लड शुगर, कोर्टिसोल हार्मोन, स्ट्रेस, सर्कैडियन रिदम और उम्र जैसी चीजें इसमें बड़ी भूमिका निभाती हैं। सही आहार, नियमित नींद शेड्यूल और रिलैक्सेशन तकनीकों को अपनाकर आप बेहतर नींद का आनंद ले सकते हैं।
क्या आप भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं? नीचे कमेंट में अपने अनुभव साझा करें! 💤💙

दीपक चौधरी एक अनुभवी संपादक हैं, जिन्हें पत्रकारिता में चार वर्षों का अनुभव है। वे राजनीतिक घटनाओं के विश्लेषण में विशेष दक्षता रखते हैं। उनकी लेखनी गहरी अंतर्दृष्टि और तथ्यों पर आधारित होती है, जिससे वे पाठकों को सूचित और जागरूक करते हैं।