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Toggleबेटे-बहू की बर्बरता से टूटा बुजुर्ग का दिल, पाँचवीं मंजिल से छलांग लगाकर किया आत्महत्या – सुसाइड नोट में लिखी दर्द की इबारत

फरीदाबाद: एक दर्दनाक अंत, एक समाज के लिए आईना!
फरीदाबाद के सेक्टर 87 की रॉयल हिल सोसाइटी में जो हुआ, उसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। 67 वर्षीय बुजुर्ग कुबेरनाथ शर्मा, जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी अपने बेटे को पालने और बड़ा करने में लगा दी, उन्हीं के हाथों दर्द और अपमान के ऐसे गहरे जख्म मिले कि उन्होंने मौत को गले लगाना बेहतर समझा।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!22 फरवरी की सुबह जब सोसाइटी के लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में व्यस्त थे, तभी अचानक एक झकझोर देने वाली चीख ने सबका ध्यान खींचा। देखते ही देखते पाँचवीं मंजिल से गिरा एक शरीर जमीन पर पड़ा था। वो शरीर था कुबेरनाथ शर्मा का, जिन्होंने आत्महत्या कर ली थी। किसी को अंदाजा भी नहीं था कि इस मौत के पीछे एक ऐसी दर्दनाक कहानी छिपी होगी, जिसे पढ़कर किसी का भी दिल पसीज जाए।
बेटे-बहू की प्रताड़ना, चप्पलों से पिटाई –बुजुर्ग पिता के लिए मौत से बदतर जीवन
कुबेरनाथ शर्मा का बेटा एक प्राइवेट कंपनी में काम करता है और बहू एक स्कूल टीचर है । बाहर से यह परिवार साधारण और सम्मानित दिखता था, लेकिन इस घर की दीवारों के भीतर जो चल रहा था, वह रूह कंपा देने वाला था। बुजुर्ग को उनके ही बेटे और बहू ने बुरी तरह चप्पलों से पीटा। एक पिता जिसने अपने बेटे के लिए अपनी पूरी जिंदगी लगा दी, उसी बेटे ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर अपने पिता को इस कदर अपमानित किया कि उन्होंने जीने से बेहतर मरना समझा।
सुसाइड नोट – एक पिता का अंतिम दर्दभरा संदेश
घटना के 11 दिन बाद जब पुलिस ने कुबेरनाथ शर्मा के कमरे की तलाशी ली, तो उन्हें एक डायरी मिली। उसी डायरी में था वह सुसाइड नोट, जो एक टूटे हुए दिल और बर्बाद होते रिश्तों की दर्दनाक दास्तां सुना रहा था।
“महोदय, मैं आत्महत्या कर रहा हूँ। किसी ने मुझे धक्का नहीं दिया है। बेटा और बहू चप्पल से मारेंगे तो जीने से अच्छा मरना है। इसमें किसी का कोई दोष नहीं है। सब ऊपरवाले की मर्जी है। मेरे जानने वाले सभी भाई-बहनों को प्रणाम। घर का कैमरा सबूत है।”
इस नोट को पढ़कर पुलिस अधिकारियों की आँखें भी नम हो गईं। यह महज़ एक सुसाइड नोट नहीं था, बल्कि हमारे समाज के एक कड़वे सच को उजागर करने वाला दस्तावेज था। बुजुर्गों की अनदेखी, उनके साथ दुर्व्यवहार, अपमान और क्रूरता की एक भयावह तस्वीर।
कानूनी कार्रवाई और समाज के लिए एक चेतावनी
पुलिस ने जब इस सुसाइड नोट की गहराई से जांच की, तो यह साफ हो गया कि यह आत्महत्या किसी मानसिक तनाव का नतीजा नहीं थी, बल्कि बेटे और बहू द्वारा किए गए क्रूर व्यवहार का नतीजा थी। पुलिस ने तुरंत बेटे और बहू के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने (Abetment of Suicide) का केस दर्ज कर लिया।
थाना प्रभारी संग्राम सिंह ने बताया कि सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग का मिलान किया जाएगा और इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।
क्या हम इतने निर्दयी हो गए हैं?
यह घटना केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं है, यह पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। क्या यह वही देश है, जहाँ बुजुर्गों को देवताओं के समान माना जाता था? क्या आधुनिकता की चकाचौंध में हमने अपने संस्कार और नैतिकता को कहीं पीछे छोड़ दिया है?
कुबेरनाथ शर्मा की आत्महत्या केवल एक मौत नहीं, बल्कि हमारी सामाजिक चेतना की हत्या है। यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि बुजुर्गों को हम सम्मान देने के बजाय उपेक्षा और क्रूरता क्यों दे रहे हैं?

अगर आप या आपका कोई परिचित बुजुर्ग मानसिक तनाव में है, तो मदद लें!
बुजुर्गों के अधिकार, सहायता और पुनर्वास – जानिए आपके पास कौन-कौन से विकल्प हैं?
अगर आपके आसपास कोई बुजुर्ग व्यक्ति उपेक्षा, दुर्व्यवहार या हिंसा का शिकार हो रहा है, तो उसके लिए संयुक्त प्रयास की जरूरत है। भारत में कई NGO, सरकारी योजनाएँ और हेल्पलाइन नंबर हैं, जो ऐसे बुजुर्गों को निःशुल्क सहायता, कानूनी मदद और रहने का सुरक्षित स्थान प्रदान करते हैं।
1️⃣
बुजुर्ग के लिए महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबर और सहायता केंद्र
📞 राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर (Senior Citizens Helpline) – 14567
👉 यह सभी राज्यों में कार्यरत है और वरिष्ठ नागरिकों को निःशुल्क सहायता प्रदान करता है।
📞 ELDER LINE (Elderly Helpline India) – 1090
👉 बुजुर्गों के लिए मेडिकल, कानूनी और मनोवैज्ञानिक सहायता उपलब्ध।
📞 दिल्ली पुलिस हेल्पलाइन – 1291
👉 बुजुर्गों की सुरक्षा और सहायता के लिए।
📞 द हेल्पएज इंडिया हेल्पलाइन – 1800-180-1253
👉 बुजुर्गों के लिए निःशुल्क सहायता और देखभाल सेवाएँ।
यह हेल्पलाइन पूरी तरह गोपनीय है और विशेषज्ञ आपकी हर संभव मदद करेंगे। याद रखिए – जान है तो जहान है!
2️⃣
बुजुर्ग नागरिकों के लिए प्रमुख NGOs जो निःशुल्क सहायता और रहने की सुविधा देते हैं
🔹 HelpAge India
👉 भारत का सबसे बड़ा NGO, जो बुजुर्गों के लिए चिकित्सा, आश्रय और कानूनी सहायता देता है।
🌐 वेबसाइट: https://www.helpageindia.org/
📞 हेल्पलाइन: 1800-180-1253
🔹 Dignity Foundation
👉 वरिष्ठ नागरिकों को सहायता, सुरक्षा और निःशुल्क रहने की सुविधा प्रदान करता है।
🌐 वेबसाइट: https://www.dignityfoundation.com/
📞 हेल्पलाइन: 022-6138 1100
🔹 SHEOWS (Saint Hardyal Educational and Orphans Welfare Society)
👉 दिल्ली और उत्तर भारत में निःशुल्क वृद्धाश्रम और पुनर्वास सेवाएँ उपलब्ध हैं।
🌐 वेबसाइट: https://www.sheows.org/
📞 हेल्पलाइन: 9871911008
🔹 Manavlok
👉 महाराष्ट्र स्थित एक NGO, जो बेसहारा बुजुर्गों को सुरक्षित आवास और चिकित्सा सहायता देता है।
🌐 वेबसाइट: https://manavlok.org/
🔹 Guru Vishram Vridh Ashram (Old Age Home)
👉 दिल्ली-एनसीआर में निःशुल्क वृद्धाश्रम और पुनर्वास सेवाएँ।
🌐 वेबसाइट: https://www.helppagoldagehome.org/
📞 हेल्पलाइन: +91 9873663334
3️⃣बुजुर्ग व्यक्ति के लिए किए जा सकने वाले रोजगार (Work from Home & Low Effort Jobs for Senior Citizens)
अगर कोई बुजुर्ग आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनना चाहता है, तो ये कुछ बेहतरीन काम हो सकते हैं:
✅ ऑनलाइन ट्यूटरिंग: बुजुर्गों को बच्चों को पढ़ाने का अनुभव होता है, वे Vedantu, Unacademy, UrbanPro जैसी वेबसाइटों पर ऑनलाइन ट्यूटर बन सकते हैं।
🌐 लिंक: https://www.vedantu.com/
✅ कंटेंट राइटिंग: अगर किसी बुजुर्ग को लिखने का शौक है, तो वे Freelancer, Fiverr, Upwork जैसी वेबसाइटों पर कंटेंट राइटर बन सकते हैं।
🌐 लिंक: https://www.upwork.com/
✅ हस्तशिल्प और कुटीर उद्योग: अगर बुजुर्ग किसी प्रकार की कढ़ाई, सिलाई, मूर्तिकला, अगरबत्ती बनाना, पेपर बैग बनाना जैसे काम कर सकते हैं, तो वे Amazon, Etsy, Flipkart पर अपने उत्पाद बेच सकते हैं।
✅ ऑनलाइन काउंसलिंग: जीवन के अनुभवों के आधार पर बुजुर्ग मानसिक स्वास्थ्य, वैवाहिक परामर्श, जीवन परामर्श जैसी सेवाएँ देकर अच्छी आमदनी कर सकते हैं।
✅ किराने की दुकान या छोटे व्यवसाय: अगर कोई बुजुर्ग सक्रिय हैं, तो वे पान की दुकान, स्टेशनरी स्टोर, बेकरी, या होम मेड फूड डिलीवरी का छोटा बिजनेस कर सकते हैं।
4️⃣ बुजुर्ग व्यक्ति की सुरक्षा के लिए भारत में बने कानून
🔹बुजुर्ग नागरिकों के अधिकार और सुरक्षा हेतु कानून
✅ The Maintenance and Welfare of Parents and Senior Citizens Act, 2007
👉 यदि कोई संतान अपने माता-पिता का ध्यान नहीं रखती या उन्हें प्रताड़ित करती है, तो वह कानूनी अपराध माना जाएगा। माता-पिता बच्चे के खिलाफ मासिक भत्ते की माँग कर सकते हैं।
✅ Domestic Violence Act, 2005
👉 यदि कोई बुजुर्ग घर में मानसिक या शारीरिक शोषण का शिकार हो रहा है, तो वे महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की हेल्पलाइन पर शिकायत कर सकते हैं।
✅ Section 125 of CrPC
👉 माता-पिता अपने बच्चों से भरण-पोषण के लिए कोर्ट में केस कर सकते हैं।
✅ Senior Citizens Protection Rules, 2011
👉 सरकार वरिष्ठ नागरिकों के लिए निःशुल्क वृद्धाश्रम और कानूनी सहायता उपलब्ध कराती है।
✅ NCPCR (National Commission for Protection of Child Rights) और NHRC (National Human Rights Commission)
👉 बुजुर्गों की शिकायतें सीधे NHRC को दी जा सकती हैं।
🌐 लिंक: https://nhrc.nic.in/
5️⃣बुजुर्ग नागरिकों की मदद के लिए हम क्या कर सकते हैं?
✔️ अपने माता-पिता और दादा-दादी का सम्मान करें और उनके साथ समय बिताएँ।
✔️ अगर आपके आसपास कोई बुजुर्ग अकेला या परेशान है, तो उनसे बातचीत करें और उनकी मदद करें।
✔️ यदि किसी बुजुर्ग के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है, तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर या पुलिस को सूचना दें।
✔️ अगर कोई बुजुर्ग आर्थिक रूप से परेशान है, तो उन्हें किसी NGO या सरकारी योजना की जानकारी दें।
निष्कर्ष
कुबेरनाथ शर्मा की कहानी सिर्फ एक मामला नहीं है, बल्कि हमारे समाज के लिए एक चेतावनी है। अगर हम आज अपने बुजुर्गों की मदद नहीं करेंगे, तो आने वाले समय में यह समस्या और भी विकराल रूप ले सकती है।
🙏 अगर आप किसी बुजुर्ग को परेशान होते देखें, तो उनकी मदद करें। एक छोटा सा प्रयास उनकी जिंदगी बचा सकता है! 🙏
क्या आप अपने माता-पिता के साथ समय बिता रहे हैं?
👉 आज ही अपने माता-पिता को गले लगाइए, उनकी बात सुनिए और उन्हें एहसास कराइए कि वे आपके लिए कितने अनमोल हैं। क्योंकि जब वे नहीं होंगे, तब पछतावे के अलावा कुछ नहीं बचेगा।
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