मुर्शिदाबाद हिंसा: ममता बनर्जी का पहला रिएक्शन, वक्फ कानून पर सख्त रुख, बोलीं- ‘पश्चिम बंगाल में नहीं होगा लागू’
Murshidabad News कोलकाता, 12 अप्रैल 2025 D Insight News: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और अन्य जिलों में वक्फ संशोधन कानून 2025 के विरोध में भड़की हिंसा के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने साफ कहा कि उनकी सरकार इस कानून को राज्य में लागू नहीं होने देगी। साथ ही, हिंसा फैलाने वालों को सख्त चेतावनी देते हुए कानूनी कार्रवाई का ऐलान किया। बनर्जी ने लोगों से शांति और संयम बरतने की अपील की और कहा कि- “धर्म के नाम पर हिंसा समाज को नुकसान पहुंचाती है।”
मुर्शिदाबाद हिंसा, तीन की मौत
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून के विरोध में पिछले कुछ दिनों से चल रहे प्रदर्शन शुक्रवार को हिंसक हो गए। बीबीसी हिंदी के मुताबिक, जंगीपुर और धुलियान इलाकों में हुई हिंसा में तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें एक पिता-पुत्र की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या शामिल है। स्रोत।
पुलिस और बीएसएफ ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस और लाठीचार्ज का सहारा लिया। जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि इलाके में अब हालात धीरे-धीरे काबू में आ रहे हैं, लेकिन इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।
मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद ममता बनर्जी की अपील: ‘शांति बनाए रखें’
ममता बनर्जी ने शनिवार को कोलकाता में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून लागू नहीं होगा। यह कानून केंद्र सरकार ने बनाया है, हमने नहीं। अगर आपको जवाब चाहिए, तो दिल्ली से मांगें।” उन्होंने लोगों से धर्म के नाम पर हिंसा न करने की अपील की और कहा, “हर इंसान की जान कीमती है। राजनीति के लिए दंगे भड़काना गलत है।” एएनआई के हवाले से यह बयान व्यापक रूप से चर्चा में है। स्रोत।
बनर्जी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक दल सियासी फायदे के लिए धर्म का दुरुपयोग कर रहे हैं। “मेरे लिए धर्म का मतलब है मानवता, सद्भाव और सभ्यता। मैं सभी से शांति बनाए रखने की अपील करती हूं,” उन्होंने कहा।
मुर्शिदाबाद हिंसा पर केंद्र और राज्य के बीच तनाव
वक्फ संशोधन कानून को लेकर पश्चिम बंगाल में बढ़ते तनाव के बीच केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के डीजीपी और मुख्य सचिव के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हालात का जायजा लिया। पीटीआई के अनुसार, केंद्र ने राज्य को अतिरिक्त केंद्रीय बल उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। स्रोत। मुर्शिदाबाद में पहले से मौजूद 300 बीएसएफ जवानों के अलावा पांच और कंपनियां तैनात की गई हैं।
मुर्शिदाबाद हिंसा पर कलकत्ता हाईकोर्ट का आदेश
हिंसा को देखते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने मुर्शिदाबाद और अन्य प्रभावित इलाकों में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती का आदेश दिया है। यह फैसला विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी की याचिका पर आया। आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। स्रोत।
हिंसा का विवरण: पिता-पुत्र की हत्या
मुर्शिदाबाद के धुलियान में शनिवार को हिंसक भीड़ ने हरगोविंद दास और उनके बेटे चंदन दास की पीट-पीटकर हत्या कर दी। दोनों हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाने का काम करते थे। बीबीसी हिंदी की रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना ने इलाके में तनाव को और बढ़ा दिया। स्रोत। इसके अलावा, गोलीबारी में एक अन्य व्यक्ति घायल हुआ, जिसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
पश्चिम बंगाल पुलिस के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) जावेद शमीम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “पुलिस ने गोली नहीं चलाई। यह बीएसएफ की ओर से हो सकता है। अभी जांच जारी है।” उन्होंने बताया कि हिंसा के सिलसिले में अब तक 118 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। स्रोत।
वक्फ कानून पर देशव्यापी विरोध
वक्फ संशोधन कानून 2025 को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। आजतक की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने 87 दिनों तक चलने वाले ‘वक्फ बचाव अभियान’ की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत एक करोड़ हस्ताक्षर इकट्ठा किए जाएंगे, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपे जाएंगे। स्रोत। बोर्ड ने इसे ‘शाह बानो मामले’ (1985) जैसा जन आंदोलन बनाने की बात कही है।
एआईएमपीएलबी के महासचिव मौलाना फजलुर रहीम मुजद्दिदी ने एक वीडियो संदेश में कहा, “यह कानून वक्फ संपत्तियों की स्वायत्तता और इस्लामी मूल्यों के खिलाफ है। हम इसे संविधान के खिलाफ मानते हैं।” स्रोत।
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं
वक्फ कानून की संवैधानिकता को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में 17 याचिकाएं दाखिल की गई हैं, जिनमें से 10 की सुनवाई 16 अप्रैल को होगी। पीटीआई के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ इस मामले को देखेगी। याचिकाकर्ताओं में एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी, आप विधायक अमानतुल्लाह खान और जमीयत उलेमा-ए-हिंद शामिल हैं। स्रोत।
जम्मू-कश्मीर में भी हंगामा
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में भी वक्फ कानून को लेकर लगातार तीन दिनों तक हंगामा हुआ। बीबीसी हिंदी की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों ने कानून की कॉपी फाड़ दी और बीजेपी विधायकों के साथ उनकी धक्का-मुक्की भी हुई। स्रोत।
कानून का पास होना और विवाद
वक्फ संशोधन बिल 2 अप्रैल को लोकसभा और 3 अप्रैल को राज्यसभा में पास हुआ था। एएनआई के अनुसार, 5 अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसे मंजूरी दी, जिसके बाद यह कानून बन गया। स्रोत। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में कहा था कि इस कानून का मकसद वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता लाना और दुरुपयोग रोकना है। हालांकि, विपक्षी दलों ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला करार दिया।
मणिपुर और अन्य राज्यों में भी प्रदर्शन
वक्फ कानून का विरोध सिर्फ पश्चिम बंगाल तक सीमित नहीं है। आजतक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर के थोउबल जिले में बीजेपी नेता असगर अली के घर पर भीड़ ने आग लगा दी, क्योंकि उन्होंने इस कानून का समर्थन किया था। स्रोत। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश के कडप्पा और हैदराबाद में भी प्रदर्शन हुए।
बीजेपी का जवाब और रणनीति
बीजेपी ने वक्फ कानून के समर्थन में मुस्लिम समुदाय के बीच जागरूकता अभियान शुरू करने का फैसला किया है। पीटीआई के अनुसार, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिल्ली में एक वर्कशॉप को संबोधित करते हुए कहा कि यह कानून सामाजिक न्याय की दिशा में एक कदम है। स्रोत।
राज्यपाल और गृह मंत्री की बातचीत
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने हिंसा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात की। एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, बोस ने राज्य सरकार को उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया। स्रोत।
सुवेंदु अधिकारी का आरोप
विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह हिंसा सुनियोजित थी। आजतक के हवाले से उन्होंने दावा किया कि ममता शिक्षक भर्ती घोटाले से ध्यान हटाने के लिए हिंसा को बढ़ावा दे रही हैं। स्रोत।
हिंसा की तस्वीरें और प्रभाव
मुर्शिदाबाद में हिंसा के दौरान कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया, जिसमें पुलिस की गाड़ियां भी शामिल थीं। बीबीसी हिंदी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग-12 को जाम कर दिया, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। स्रोत। हालांकि, अब रेल और सड़क यातायात बहाल कर दिया गया है।
कानून के समर्थन में याचिकाएं
वक्फ कानून के समर्थन में भी सुप्रीम कोर्ट में दो हस्तक्षेप याचिकाएं दाखिल की गई हैं। पीटीआई के अनुसार, अखिल भारत हिंदू महासभा और हिंदू सेना ने दावा किया कि यह कानून संवैधानिक है और किसी के अधिकारों का हनन नहीं करता। स्रोत।
ममता का सख्त रुख
ममता बनर्जी ने एक बार फिर दोहराया कि पश्चिम बंगाल में धार्मिक एकता को कोई तोड़ नहीं सकता। कोलकाता में जैन समुदाय के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “चाहे मुझे गोली मार दी जाए, मैं धर्म के नाम पर बंटवारे की इजाजत नहीं दूंगी।” एएनआई ने उनके इस बयान को प्रमुखता से प्रकाशित किया। स्रोत।
क्या है वक्फ संशोधन कानून?
वक्फ संशोधन कानून 2025 का मकसद वक्फ बोर्डों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना है। आजतक की एक रिपोर्ट के अनुसार, इसमें गैर-मुस्लिम सदस्यों को वक्फ बोर्ड में शामिल करने और संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने के प्रावधान हैं। स्रोत। हालांकि, कई संगठनों का मानना है कि यह कानून धार्मिक स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
आगे क्या?
मुर्शिदाबाद हिंसा और वक्फ कानून पर देशव्यापी विरोध के बीच सभी की नजरें सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर टिकी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला न केवल कानूनी, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। पश्चिम बंगाल में स्थिति सामान्य करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रही हैं, लेकिन तनाव अभी भी बरकरार है।

दीपक चौधरी एक अनुभवी संपादक हैं, जिन्हें पत्रकारिता में चार वर्षों का अनुभव है। वे राजनीतिक घटनाओं के विश्लेषण में विशेष दक्षता रखते हैं। उनकी लेखनी गहरी अंतर्दृष्टि और तथ्यों पर आधारित होती है, जिससे वे पाठकों को सूचित और जागरूक करते हैं।