Akshaya Tritiya 2025: 100 साल बाद दुर्लभ राजयोग, जानें कब करें शुभ खरीददारी

Akshaya Tritiya 2025

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

Akshaya Tritiya 2025: 100 साल बाद राजयोग, ये खरीदारी लाएगी धन

Akshaya Tritiya 2025 पर 100 साल बाद बन रहे दुर्लभ राजयोग। जानें शुभ खरीददारी, पूजा विधि, और किन राशियों को मिलेगा लाभ। शुभ मुहूर्त और टिप्स पढ़ें!

Akshaya Tritiya 2025, जिसे आखा तीज भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक अत्यंत शुभ दिन माना जाता है। इस साल 30 अप्रैल 2025 को मनाई जाने वाली अक्षय तृतीया पर 100 साल बाद दुर्लभ राजयोग बन रहे हैं, जो इसे और भी विशेष बनाते हैं। यह पर्व सोना-चांदी खरीदने, नए कार्य शुरू करने और दान-पुण्य के लिए प्रसिद्ध है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि इस दिन कौन-सी खरीददारी शुभ होगी, राजयोग का महत्व, और कैसे आप इस अवसर का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं

Akshaya Tritiya 2025 का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व

क्या है अक्षय तृतीया?
Akshaya Tritiya 2025 वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। ‘अक्षय’ का अर्थ है जिसका कभी क्षय न हो, अर्थात इस दिन किए गए शुभ कार्यों का फल स्थायी होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था और मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं

100 साल बाद दुर्लभ राजयोग
ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, इस बार अक्षय तृतीया पर गजकेसरी, मालव्य, लक्ष्मी नारायण, सर्वार्थ सिद्धि, और रवि योग जैसे दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। ये योग 100 वर्षों में पहली बार एक साथ बन रहे हैं, जिससे इस दिन की शुभता और प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। ज्योतिषी सलोनी चौधरी के अनुसार, इन योगों के प्रभाव से कुछ राशियों को विशेष धन लाभ और समृद्धि प्राप्त हो सकती है

  • गजकेसरी राजयोग: चंद्रमा और गुरु की युति से बनता है, जो समृद्धि और यश दिलाता है।
  • मालव्य राजयोग: शुक्र के प्रभाव से धन और ऐश्वर्य में वृद्धि।
  • लक्ष्मी नारायण योग: मीन राशि में शुक्र और बुध की युति से धन-संपदा में स्थिरता।

Akshaya Tritiya 2025 पर शुभ खरीददारी

Akshaya Tritiya 2025
Gold jewellery

सोना-चांदी की खरीदारी
अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना सबसे लोकप्रिय परंपरा है। मान्यता है कि इस दिन खरीदा गया सोना जीवन में समृद्धि और स्थायी धन लाभ लाता है। 2024 में भारत में सोने की मांग अक्षय तृतीया के दौरान 20% तक बढ़ी थी, और 2025 में भी यही रुझान अपेक्षित है

  • शुभ मुहूर्त: 30 अप्रैल को सुबह 5:41 से दोपहर 2:12 तक सोना खरीदने का सबसे अच्छा समय है
  • विकल्प: यदि सोना खरीदना संभव न हो, तो चांदी, पीतल के बर्तन, या पीली सरसों भी खरीदी जा सकती है।

अन्य शुभ खरीददारी

Akshaya Tritiya 2025
Akshaya Tritiya 2025
  • वाहन: नए वाहन खरीदने के लिए यह दिन अबूझ मुहूर्त माना जाता है।
  • जमीन और संपत्ति: ज्योतिषीय योग संपत्ति निवेश के लिए अनुकूल हैं।
  • धार्मिक वस्तुएं: तुलसी का पौधा, एकाक्षी नारियल, या धार्मिक पुस्तकें खरीदना शुभ माना जाता है

 मूलांक के अनुसार खरीददारी के टिप्स

ज्योतिष के अनुसार, मूलांक के आधार पर खरीददारी करने से शुभ फल कई गुना बढ़ जाते हैं। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं:

  • मूलांक 1: जौ, गेहूं, या सोने की चेन खरीदें।
  • मूलांक 3: पीले खाद्य पदार्थ, धार्मिक पुस्तकें, या सोने के झुमके।
  • मूलांक 5: तुलसी का पौधा या हरे रंग की वस्तुएं।
  • मूलांक 9: मिट्टी का मटका या पीतल की वस्तुएं
    ये सुझाव ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित हैं, और इन्हें अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार अपनाना चाहिए।

Akshaya Tritiya 2025 पर पूजा और दान-पुण्य

पूजा विधि
इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान विष्णु, और कुबेर की पूजा का विशेष महत्व है।

  • ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान (या गंगाजल से स्नान) करें।
  • मां लक्ष्मी को श्रीफल, तुलसी, और सफेद कौड़ियां अर्पित करें।
  • विष्णु सहस्रनाम या श्रीसूक्त का पाठ करें।

    शुभ मुहूर्त: पूजा के लिए 30 अप्रैल को सुबह 5:41 से दोपहर 12:18 तक का समय उत्तम है

  • दान-पुण्य
  • जौ, गेहूं, चने की दाल, या जल से भरे घड़े का दान करें।
  • ब्राह्मणों को भोजन कराएं और वस्त्र दान करें।
  • पितरों के नाम से दान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है

इन राशियों को मिलेगा विशेष लाभ

ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार बन रहे राजयोग कुछ राशियों के लिए विशेष रूप से शुभ हैं:

  • वृषभ: गजकेसरी और मालव्य राजयोग से आर्थिक स्थिति में सुधार, नौकरी में वेतन वृद्धि।
  • तुला: शुक्र की शुभ दृष्टि से धन लाभ और नए आय के स्रोत।
  • मीन: लक्ष्मी नारायण योग से व्यवसाय में सफलता और स्थिरता।
  • कुंभ: धन और संपत्ति में वृद्धि, वाहन खरीदने के योग
    इन राशियों के जातकों को इस दिन निवेश और खरीददारी में सावधानी बरतते हुए विशेष लाभ उठाने की सलाह दी जाती है।

 सावधानियां और सुझाव

  • आर्थिक योजना: खरीददारी से पहले बजट बनाएं और केवल विश्वसनीय दुकानों से खरीदें।
  • ज्योतिषीय सलाह: किसी योग्य ज्योतिषी से अपनी कुंडली के अनुसार सलाह लें।
  • दान में सावधानी: दान केवल जरूरतमंदों या प्रतिष्ठित संस्थानों को करें।
  • पर्यावरणीय जागरूकता: सोना-चांदी खरीदते समय नैतिक स्रोतों का ध्यान रखें।

निष्कर्ष
अक्षय तृतीया 2025 न केवल धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समृद्धि और नए अवसरों का प्रतीक भी है। 100 साल बाद बन रहे दुर्लभ राजयोग इस दिन को और भी खास बनाते हैं। सोना-चांदी खरीदने, पूजा करने, और दान-पुण्य के माध्यम से आप इस शुभ अवसर का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं। अपने विचार और अनुभव हमारे साथ कमेंट में साझा करें! क्या आप इस अक्षय तृतीया कुछ खास खरीदने की योजना बना रहे हैं?

लेखक बायो
राम शर्मा एक अनुभवी पत्रकार और ज्योतिष लेखक हैं, जो पिछले 7 वर्षों से हिंदू संस्कृति, त्योहारों, और ज्योतिष पर लेखन कर रहे हैं। उनकी रचनाएं कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों और ऑनलाइन मंचों में प्रकाशित हो चुकी हैं। वह पाठकों को प्रामाणिक और उपयोगी जानकारी प्रदान करने में विश्वास रखते हैं।

🌟 Akshaya Tritiya 2025 से जुड़े महत्वपूर्ण FAQ


1) हम अक्षय तृतीया क्यों मनाते हैं?

अक्षय तृतीया को हिंदू धर्म में “अक्षय पुण्य” प्राप्त करने का विशेष अवसर माना जाता है। इस दिन किए गए शुभ कार्यों, दान, जप और तप का फल कभी समाप्त नहीं होता। यह दिन नए कार्यों की शुरुआत, खरीदारी और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए सबसे शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भाग्य के द्वार खुलते हैं और जीवन में स्थायी समृद्धि आती है।


2) अक्षय तृतीया पर किस भगवान का विवाह हुआ था?

अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का विवाह हुआ था। कुछ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी के विवाह का भी प्रतीकात्मक उत्सव इसी दिन मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों के लिए मुहूर्त निकालने की परंपरा है।


3) अक्षय तृतीया पर किसका जन्म हुआ था?

अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था, जो विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं। वे धर्म की रक्षा के लिए पृथ्वी पर अवतरित हुए थे। इसके अलावा जैन धर्म में भी यह दिन विशेष है क्योंकि पहले तीर्थंकर ऋषभदेव ने इसी दिन प्रथम आहार ग्रहण किया था, जिससे यह दिन और भी पावन बन गया।


4) अक्षय तृतीया पर क्यों महत्वपूर्ण है तुलसी पूजा?

तुलसी को देवी लक्ष्मी का स्वरूप और भगवान विष्णु की प्रिय मानी जाती है। अक्षय तृतीया पर तुलसी पूजन से धन-धान्य, सुख-समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन तुलसी को जल चढ़ाकर दीपक जलाने से जीवन में शुभता बनी रहती है। यह पूजा नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और पुण्य बढ़ाने का साधन भी है।


5) जानिए अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना क्यों माना जाता है शुभ?

अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना स्थायी समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। ‘अक्षय’ का अर्थ है “जिसका क्षय न हो” और इस दिन खरीदे गए सोने को कभी न खत्म होने वाला सौभाग्य लाने वाला माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि सोने की खरीद से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और परिवार में सुख-शांति व आर्थिक उन्नति होती है।

यह भी पढ़ें 

Top10 Sports Bikes in India: No.1 आपको चौंका देगा !