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Toggleशेयर मार्केट में उथल-पुथल: Amazon, Google, Meta और Apple के शेयरों में गिरावट, भारत पर क्या होगा असर?
दिनांक: 3 अप्रैल 2025
लेखक: [संजय चौधरी ]
वैश्विक शेयर बाजारों में आज एक बार फिर हलचल देखने को मिली है। दिग्गज टेक कंपनियों—अमेजन (Amazon), गूगल (Google), मेटा (Meta), और एप्पल (Apple)—के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। यह घटनाक्रम न केवल अमेरिकी बाजारों के लिए बल्कि भारतीय शेयर बाजार के लिए भी महत्वपूर्ण संकेत देता है। आइए, इस गिरावट के कारणों, प्रभावों और भारत पर इसके असर को गहराई से समझते हैं।
क्या हुआ? डाटा के साथ ताजा अपडेट
3 अप्रैल 2025 को सुबह के कारोबारी सत्र में, टेक दिग्गजों के शेयरों में तेजी से गिरावट देखी गई। X पर पोस्ट के अनुसार, JonnadaMahesh ने बताया कि Amazon ($AMZN) के शेयर 10%, Meta ($META) 8%, Google ($GOOGL) 4%, और अन्य प्रमुख टेक स्टॉक्स जैसे Nvidia ($NVDA) 6% तक नीचे आए। वहीं, एक अन्य पोस्ट में mjkeegan1127 ने दावा किया कि “Magnificent 7” (अमेजन, गूगल, मेटा, एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट, एनवीडिया, और टेस्ला) के शेयरों ने महज 2.5 घंटों में लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर की वैल्यू खो दी। ये सभी स्टॉक्स अपने चरम से 20% से अधिक नीचे आ चुके हैं, जो तकनीकी रूप से “बेयर टेरिटरी” का संकेत देता है।
हालांकि, यह डाटा X पोस्ट्स से लिया गया है और आधिकारिक पुष्टि के लिए हमें NASDAQ या NYSE जैसे स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों पर निर्भर रहना चाहिए। लेकिन यह स्पष्ट है कि वैश्विक बाजार में कुछ बड़ा घट रहा है।
क्यों हुई यह गिरावट?
इस गिरावट के पीछे कई कारण हो सकते हैं। पहला और सबसे चर्चित कारण है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ ऐलान। ट्रंप ने हाल ही में भारत सहित 180 देशों पर पारस्परिक (reciprocal) टैरिफ लगाने की घोषणा की, जिसमें भारत पर 26% टैरिफ शामिल है। यह खबर Moneycontrol Hindi पर भी प्रकाशित हुई, जहां बताया गया कि टैरिफ का असर भारतीय कंपनियों पर पड़ना तय है। टेक कंपनियों के लिए, जो ग्लोबल सप्लाई चेन और अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर निर्भर हैं, यह नीति लागत बढ़ा सकती है और मुनाफे पर दबाव डाल सकती है।
दूसरा कारण है बाजार का ओवरवैल्यूएशन। दिसंबर 2024 तक, Magnificent 7 स्टॉक्स S&P 500 के 33% हिस्से का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, जैसा कि X यूजर Asiabearluv ने बताया। इतना ऊंचा वैल्यूएशन निवेशकों के बीच सुधार (correction) की आशंका को बढ़ाता है। तीसरा, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, बढ़ती महंगाई, और ब्याज दरों में संभावित बदलाव भी इस गिरावट को बढ़ावा दे सकते हैं।
कैसे प्रभावित होंगे ये शेयर?
- अमेजन (Amazon): 10% की गिरावट के साथ, अमेजन का शेयर मूल्य आज संकट में दिख रहा है। इसका कारण टैरिफ के अलावा ई-कॉमर्स सेक्टर में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और लॉजिस्टिक्स लागत में वृद्धि हो सकती है। भारत में फ्लिपकार्ट और रिलायंस जैसे प्रतिद्वंद्वी पहले से ही दबाव बना रहे हैं।
- गूगल (Google): Alphabet Inc. के शेयरों में 4% की गिरावट विज्ञापन राजस्व पर निर्भरता और नियामक दबाव को दर्शाती है। भारत में डिजिटल विज्ञापन बाजार तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन गूगल की वैश्विक कमाई पर असर पड़ सकता है।
- मेटा (Meta): 8% की गिरावट मेटा के लिए चिंताजनक है, खासकर जब भारत इसका सबसे बड़ा यूजर बेस (फेसबुक और इंस्टाग्राम) है। टैरिफ और डेटा गोपनीयता नियम इसके मुनाफे को प्रभावित कर सकते हैं।
- एप्पल (Apple): एप्पल के शेयरों में भी गिरावट देखी गई, हालांकि सटीक डाटा इस लेख के समय उपलब्ध नहीं था। भारत में iPhone की बढ़ती मांग के बावजूद, सप्लाई चेन पर टैरिफ का असर इसकी कीमतों को बढ़ा सकता है।
भारत के शेयर मार्केट पर प्रभाव
भारतीय शेयर बाजार, विशेष रूप से सेंसेक्स और निफ्टी, वैश्विक संकेतों से प्रभावित होते हैं। Business Standard Hindi के अनुसार, 3 अप्रैल को सेंसेक्स 322 अंक नीचे बंद हुआ, लेकिन स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.76% की बढ़त देखी गई। इसका मतलब है कि बड़े स्टॉक्स पर दबाव है, लेकिन छोटे और मझोले शेयर अभी भी निवेशकों का भरोसा जीत रहे हैं।
- टेक सेक्टर पर असर: भारत की आईटी कंपनियां जैसे TCS, Infosys, और Wipro, जो अमेरिकी बाजारों पर निर्भर हैं, इस गिरावट से प्रभावित हो सकती हैं। अगर टेक दिग्गजों का प्रदर्शन कमजोर होता है, तो इन कंपनियों के क्लाइंट बजट में कटौती कर सकते हैं।
- निवेशक भावना: विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) पहले से ही सतर्क हैं। अगर अमेरिकी बाजार में गिरावट जारी रही, तो FII भारत से पूंजी निकाल सकते हैं, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी पर दबाव बढ़ेगा।
- सकारात्मक पहलू: Moneycontrol Hindi ने बताया कि फार्मा सेक्टर को टैरिफ से छूट मिली है, जिसके चलते सन फार्मा और डॉ. रेड्डीज जैसे स्टॉक्स में तेजी देखी गई। यह भारत के लिए एक राहत की खबर है।
निष्कर्ष: निवेशकों के लिए क्या करें?
यह गिरावट अल्पकालिक अस्थिरता का संकेत हो सकती है, लेकिन लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह खरीदारी का मौका भी हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि मजबूत बुनियादी आधार वाली कंपनियों में निवेश सुरक्षित रहेगा। भारत में निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में विविधता लानी चाहिए—आईटी और टेक के साथ-साथ फार्मा, FMCG, और रिन्यूएबल एनर्जी जैसे क्षेत्रों पर ध्यान देना चाहिए।
शेयर बाजार की यह उथल-पुथल हमें याद दिलाती है कि वैश्विक और स्थानीय कारकों का संतुलन ही सफल निवेश की कुंजी है। ताजा अपडेट्स के लिए AajTak और CNBC Awaaz जैसे विश्वसनीय स्रोतों को फॉलो करें।
नोट: यह लेख सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और निवेश सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें।
आपकी राय: क्या आप इस गिरावट को खरीदारी का मौका मानते हैं? नीचे कमेंट करें!
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दीपक चौधरी एक अनुभवी संपादक हैं, जिन्हें पत्रकारिता में चार वर्षों का अनुभव है। वे राजनीतिक घटनाओं के विश्लेषण में विशेष दक्षता रखते हैं। उनकी लेखनी गहरी अंतर्दृष्टि और तथ्यों पर आधारित होती है, जिससे वे पाठकों को सूचित और जागरूक करते हैं।