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Toggleपटना। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपने दो दिवसीय बिहार दौरे के तहत शनिवार देर शाम पटना पहुंचे। भाजपा कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़ों और फूल-मालाओं के साथ उनका भव्य स्वागत किया। पटना हवाई अड्डे पर पहले से ही हजारों की संख्या में पार्टी समर्थक मौजूद थे, जिन्होंने ‘भारत माता की जय’ और ‘जय श्रीराम’ के नारों से पूरे माहौल को गूंजायमान कर दिया।

पटना में भाजपा नेताओं के साथ बैठकें
अमित शाह के बिहार आगमन का उद्देश्य स्पष्ट है— वे आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी को अंतिम रूप देना चाह रहे है । शाह ने पटना पहुंचते ही भाजपा कार्यालय में प्रदेश के शीर्ष नेताओं, विधायकों, सांसदों और संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की। इस दौरान पार्टी की चुनावी रणनीति, सीट शेयरिंग और संभावित उम्मीदवारों पर गहन मंथन किया गया।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि अमित शाह का यह दौरा कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए अहम साबित होगा। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने भी दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान बिहार की ऐतिहासिक और राजनीतिक विरासत की सराहना की। उन्होंने कहा कि ‘बिहार की भूमि ने देश को चाणक्य दिया, गांधी और जयप्रकाश नारायण जैसे नेताओं की क्रांति देखी और अब यह भूमि फिर से परिवर्तन के लिए तैयार है।’
गोपालगंज में जनसभा, एनडीए की ताकत का प्रदर्शन
रविवार को अमित शाह गोपालगंज में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। इसे भाजपा की चुनावी हुंकार के रूप में देखा जा रहा है। इस जनसभा के माध्यम से भाजपा सीधे जनता के बीच अपनी योजनाओं और उपलब्धियों को पहुंचाएगी।
गोपालगंज को भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाता रहा है, लेकिन यह राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव का गृह जिला भी है। ऐसे में शाह का यह दौरा राजनीतिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है। बिहार में अब शह आउट मात का खेल शुरू हो चुका है।
सहकारिता क्षेत्र को मिलेगी नई सौगात
अमित शाह सहकारिता मंत्री होने के नाते पटना के बापू सभागार में सहकारिता सम्मेलन को भी संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में 6,950 से अधिक सहकारी समितियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। शाह यहां सहकारिता क्षेत्र के विकास के लिए 903 करोड़ रुपये की योजनाओं की घोषणा करेंगे।
इसके अलावा, बिहार स्टेट कोऑपरेटिव बैंक के बैंक मित्रों को 100 माइक्रो-एटीएम वितरित किए जाएंगे, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाओं को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही दरभंगा में मखाना प्रोसेसिंग सेंटर का उद्घाटन भी इसी यात्रा का एक अहम हिस्सा होगा।
नीतीश कुमार से संभावित मुलाकात
शाह के दौरे को लेकर एक और बड़ी चर्चा यह है कि क्या उनकी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात होगी? जदयू अध्यक्ष ललन सिंह और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने संकेत दिए हैं कि शाह और नीतीश के बीच औपचारिक बातचीत हो सकती है। हालांकि, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि यह बैठक अनौपचारिक हो सकती है और इसका उद्देश्य राज्य के विकास कार्यों पर चर्चा करना रहेगा।
225 सीटों का लक्ष्य, शाह ने दिए खास निर्देश
पटना स्थित भाजपा कार्यालय में हुई कोर कमेटी बैठक में अमित शाह ने साफ कर दिया कि इस बार बिहार में एनडीए 225 सीटों का लक्ष्य लेकर चलेगी। उन्होंने पार्टी नेताओं को निर्देश दिए कि वे हर बूथ स्तर तक अपनी पकड़ मजबूत करें। शाह ने बिहार के भाजपा नेताओं से कहा— ‘आपकी जीत ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत होगी। हर कार्यकर्ता को यह सुनिश्चित करना होगा कि इस बार बिहार में भाजपा सबसे मजबूत शक्ति बनकर उभरे।’
भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया
- रविशंकर प्रसाद (पूर्व केंद्रीय मंत्री) ने कहा, ‘अमित शाह का बिहार दौरा संगठन को मजबूत करने के लिए मील का पत्थर साबित होगा। भाजपा की जीत का सिलसिला जारी रहेगा।’
- गिरिराज सिंह (केंद्रीय मंत्री) ने कहा, ‘अमित शाह का बिहार आना कार्यकर्ताओं के लिए एक नई ऊर्जा लेकर आता है। वह भाजपा संगठन के चाणक्य हैं और उनकी उपस्थिति से पूरा बिहार जोश से भर जाता है।’
- शहनवाज हुसैन (बीजेपी नेता) बोले, ‘जब-जब अमित शाह बिहार आते हैं, तब-तब यहां एनडीए की लहर तेज होती है। यह दौरा भी ऐतिहासिक होने जा रहा है।’
एनडीए की मजबूती और विपक्ष की रणनीति
भाजपा जहां अपनी रणनीति को मजबूत करने में लगी है, वहीं विपक्षी पार्टियां भी शाह के दौरे को लेकर सक्रिय हो गई हैं। राजद और कांग्रेस ने इस दौरे को ‘चुनावी दिखावा’ बताया है।
राजद प्रवक्ता मनोज झा ने कहा कि अमित शाह का बिहार दौरा केवल ‘जुमलों’ का पुलिंदा है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा कि बिहार की जनता भाजपा की ‘फर्जी राष्ट्रवाद’ की राजनीति को समझ चुकी है।
शाह की यात्रा से बिहार की राजनीति गरमाई
अमित शाह का यह दौरा बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर चुका है। चुनावी गणित, जातीय समीकरण और विकास के मुद्दों को ध्यान में रखते हुए भाजपा अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने में जुट गई है। शाह के इस दौरे से यह साफ हो गया है कि भाजपा इस बार बिहार में पूरी मजबूती से चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि भाजपा और उसके सहयोगी दल अपनी रणनीति को कितना कारगर बना पाते हैं और क्या अमित शाह की यह यात्रा बिहार में एनडीए की जीत की नींव रख पाएगी?
अमित शाह के दौरे का बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव पर क्या असर पड़ेगा?
अमित शाह का बिहार दौरा आगामी विधानसभा चुनावों पर कई महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। उनके दौरे के दौरान निम्नलिखित पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा:
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चुनाव अभियान की शुरुआत: अमित शाह का यह दौरा भाजपा के चुनाव अभियान का औपचारिक आरंभ माना जा रहा है। उनकी रैलियों और बैठकों के माध्यम से पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया जाएगा, जिससे एनडीए की चुनावी रणनीति को मजबूती मिलेगी13.
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साझेदारी और एकता: शाह अपने दौरे के दौरान एनडीए के सहयोगियों के साथ बैठकें करेंगे, जो गठबंधन की एकता को दर्शाएंगी। यह एकता आगामी चुनावों में सीट बंटवारे और सामूहिक प्रचार को मजबूत करने में मदद करेगी14.
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स्थानीय मुद्दों पर ध्यान: शाह विभिन्न स्थानीय परियोजनाओं की घोषणा करेंगे, जैसे कि सहकारिता क्षेत्र में नई पहलों का शुभारंभ। यह स्थानीय मतदाताओं के बीच भाजपा की छवि को बेहतर बनाने में सहायक होगा, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां भाजपा का समर्थन कमजोर है46.
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राजनीतिक संदेश: गोपालगंज में उनकी रैली, जो आरजेडी के गढ़ में होगी, भाजपा के इरादों को स्पष्ट करेगी। यह रैली न केवल पार्टी के समर्थकों को एकत्रित करेगी, बल्कि विपक्षी दलों को भी चुनौती देगी37.
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राजनीतिक तापमान में वृद्धि: शाह की यात्रा ने बिहार की राजनीतिक गर्मी बढ़ा दी है। इससे विपक्षी दलों, विशेषकर आरजेडी, पर दबाव बढ़ेगा और वे अपनी रणनीतियों को फिर से तैयार करने के लिए मजबूर होंगे26.
इस प्रकार, अमित शाह का दौरा भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिससे वह न केवल अपनी स्थिति को मजबूत कर सकते हैं बल्कि बिहार की राजनीति में नए समीकरण भी स्थापित कर सकते हैं।
शाह द्वारा वितरित माइक्रो-एटीएम स्थानीय अर्थव्यवस्था को कैसे लाभ पहुंचाएंगे?
अमित शाह द्वारा वितरित किए गए माइक्रो-एटीएम स्थानीय अर्थव्यवस्था पर कई सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। ये पहल मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई है। इसके संभावित लाभ निम्नलिखित हैं:
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वित्तीय समावेशन: माइक्रो-एटीएम ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं की पहुंच बढ़ाएंगे, जिससे किसानों और ग्रामीण निवासियों को आसानी से लेन-देन करने और बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करने का अवसर मिलेगा12।
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किफायती ऋण की उपलब्धता: इन एटीएम के माध्यम से किसान कम ब्याज दर पर ऋण प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उनकी कृषि गतिविधियों को समर्थन मिलेगा। यह किसानों की वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा देगा और उनकी उत्पादन क्षमता में सुधार करेगा2।
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ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती: माइक्रो-एटीएम का उपयोग सहकारी समितियों द्वारा किया जाएगा, जो कृषि, डेयरी और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में सक्रिय हैं। इससे इन क्षेत्रों में लेन-देन की प्रक्रिया तेज और सरल होगी, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी12।
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पंचायत स्तर पर सेवाएं: इन एटीएम के माध्यम से पंचायत स्तर पर वित्तीय सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, जिससे ग्रामीण आबादी विभिन्न सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ आसानी से उठा सकेगी1।
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लंबी अवधि का प्रभाव: यह पहल न केवल तत्काल आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करेगी बल्कि दीर्घकालिक रूप से सहकारी समितियों की स्थिरता और ग्रामीण क्षेत्रों की बहुआयामी प्रगति सुनिश्चित करेगी2।
इस प्रकार, माइक्रो-एटीएम वितरण ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
लेखक परिचय
दीपक चौधरी एक अनुभवी पत्रकार हैं, जो पिछले 4 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता कर रहे हैं। राजनीति इनकी विशेषता है, और चुनावी विश्लेषण से लेकर नीतिगत मुद्दों पर गहरी पकड़ रखते हैं। बेबाक लेखन शैली और तथ्यपरक रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं।
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