कौन बनेगा दिल्ली का मुख्यमंत्री: दिल्ली को मोदी के सरप्राइज का इंतजार

दिल्ली का cm कौन?

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🚀 दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: भाजपा की ऐतिहासिक जीत, नए मुख्यमंत्री के लिए रस्साकशी जारी

27 साल बाद सत्ता में वापसी!
70 में से 48 सीटों पर भाजपा का परचम लहराया
कौन बनेगा दिल्ली का नया मुख्यमंत्री?

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 48 सीटें जीतकर ऐतिहासिक वापसी की है। हालांकि, मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारों की दौड़ तेज हो गई है और नाम तय करने में देरी हो रही है, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई है। 🔥


🏆 दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के संभावित चेहरे

भाजपा के कई दिग्गज नेता इस रेस में शामिल हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में:

1️⃣ प्रवेश वर्मा 🏛️

 

प्रवेश वर्मा
प्रवेश वर्मा

नई दिल्ली सीट से जीत
अरविंद केजरीवाल को हराया
जीत का अंतर: 4089 वोट
जाट समुदाय के प्रभावशाली नेता

➡️ प्रवेश वर्मा ने सीएम अरविंद केजरीवाल को हराकर भाजपा को ऐतिहासिक बढ़त दिलाई। उनकी मजबूत पकड़ और जनाधार उन्हें इस रेस में सबसे आगे खड़ा करता है। 🏅


2️⃣विजेंद्र गुप्ता🏛️

विजेंद्र गुप्ता
विजेंद्र गुप्ता

 

रोहिणी सीट से जीत
आम आदमी पार्टी के महेंद्र गोयल को हराया
जीत का अंतर: 15,800 वोट
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं

➡️ विजेंद्र गुप्ता अनुभवी नेता हैं और प्रशासनिक क्षमता में निपुण माने जाते हैं। उनकी संगठन पर पकड़ और मजबूत रणनीतिक सोच उन्हें इस पद के लिए योग्य दावेदार बनाती है। 🏆


3️⃣ सतीश उपाध्याय 🏛️

सतीश उपाध्याय
सतीश उपाध्याय

मालवीय नगर सीट से जीत
आप के सोमनाथ भारती को हराया
जीत का अंतर: 18,200 वोट
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष

➡️ सतीश उपाध्याय की संगठनात्मक क्षमता और दिल्ली भाजपा में गहरी पकड़ उन्हें इस दौड़ में आगे रखती है। 🎯


4️⃣ महिला नेतृत्व को बढ़ावा? 👩‍💼

भाजपा महिला मुख्यमंत्री पर भी विचार कर रही है, जिनमें ये नाम शामिल हैं:

🟠 शिखा राय

 

शिखा राय
शिखा राय

ग्रेटर कैलाश से जीत
आप के सaurabh भारद्वाज को हराया
जीत का अंतर: 16,500 वोट

🔵रेखा गुप्ता

रेखा गुप्ता
रेखा गुप्ता

 

शालीमार बाग से जीत
आप की बंदना कुमारी को हराया
जीत का अंतर: 12,700 वोट

➡️ भाजपा महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए पहली बार दिल्ली में महिला मुख्यमंत्री बनाने पर विचार कर सकती है


🔍 मुख्यमंत्री चयन में देरी के कारण

भाजपा मुख्यमंत्री चयन में कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहती। इस देरी के पीछे कई कारण हैं:

🔸 📊 जातीय और क्षेत्रीय संतुलन: दिल्ली की विविध जनसंख्या को देखते हुए भाजपा ऐसा नेता चुनना चाहती है जो सभी समुदायों को साथ ले सके।
🔸 🏛️ केंद्रीय नेतृत्व की सहमति: भाजपा में बड़े फैसले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय नेतृत्व की स्वीकृति से होते हैं। मोदी की विदेश यात्रा के कारण प्रक्रिया में विलंब हो सकता है।
🔸 🗳️ विधायकों की राय: भाजपा विधायकों की सहमति से सर्वसम्मति बनाना चाहती है, जिसके लिए चर्चा चल रही है।


📅 आगे की प्रक्रिया

🟠 भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने उपराज्यपाल से मुलाकात का समय मांगा है, जिससे सरकार गठन की प्रक्रिया को तेजी दी जा सके।
🟠 16 फरवरी को भाजपा विधायक दल की बैठक संभावित है, जहां नए मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम मुहर लग सकती है।


🏁 निष्कर्ष

🔥 दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के चयन में हो रही देरी भाजपा की रणनीतिक सोच को दर्शाती है।
🔥 पार्टी ऐसा नेता चाहती है, जो राजधानी की विविधता को समझे और सभी वर्गों के विकास को प्राथमिकता दे।
🔥 अगले कुछ दिनों में दिल्ली को नया मुख्यमंत्री मिल सकता है, जिस पर पूरे देश की नजरें टिकी होंगी।


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