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ToggleIAEA से पाकिस्तान की परमाणु शक्ति पर कड़ी नजर रखने की मांग: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बड़ा बयान
मुख्य समाचार – रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने श्रीनगर से पाकिस्तान की परमाणु शक्ति को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान बार-बार गैर-जिम्मेदाराना ढंग से भारत को परमाणु हमले की धमकी देता है, जिससे पूरी दुनिया की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है। राजनाथ सिंह ने सवाल उठाया कि क्या ऐसे ‘दुष्ट और गैर-जिम्मेदार’ देश के पास परमाणु हथियार सुरक्षित हैं236?
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मांग की कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की निगरानी में लिया जाए। उनका कहना था कि पाकिस्तान की परमाणु धमकियों और आतंकवाद को समर्थन के कारण उसके हथियारों पर वैश्विक नजर रखना जरूरी है467।
“अब जबकि पाकिस्तान एक असफल राष्ट्र बनने के कगार पर है, जहां सत्ता के कई केंद्र हैं और सभी में अधिकार एवं प्रभाव के लिए संघर्ष हो रहा है, जहां आतंकवादियों को पोषित किया जाता है — ऐसे में क्या उस देश के पास परमाणु हथियार सुरक्षित हैं?”
राजनाथ सिंह का यह बयान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद आया, जिसमें भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि अब भारत किसी भी तरह की ‘न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग’ बर्दाश्त नहीं करेगा और आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करता रहेगा56।

ऑपरेशन सिंदूर पर क्या कहते हैं, दुनिया के युद्ध विशेषज्ञ जॉन स्पेंसर समेत अंतरराष्ट्रीय रक्षा विशेषज्ञ
ऑपरेशन सिंदूर पर अमेरिकी थिंक टैंक और युद्ध विशेषज्ञ जॉन स्पेंसर समेत अंतरराष्ट्रीय रक्षा विशेषज्ञों ने भारत की निर्णायक जीत की खुलकर सराहना की है। उन्होंने कहा कि भारत ने चार दिन की सटीक और शक्तिशाली सैन्य कार्रवाई में न सिर्फ आतंकी ठिकानों को तबाह किया, बल्कि दुनिया को दिखा दिया कि अब भारत किसी भी आतंकी हमले का जवाब अपने नियमों पर देगा, बिना किसी बाहरी दबाव के245।
भारत ने पहली बार स्पष्ट कर दिया कि पाकिस्तान की जमीन से होने वाले आतंकी हमलों का अब सैन्य बल से जवाब मिलेगा-यह कोई धमकी नहीं, बल्कि एक नई मिसाल है46। भारत ने पाकिस्तान में गहरे तक जाकर आतंकी ठिकानों, ड्रोन समन्वय केंद्रों और यहां तक कि एयरबेस को भी निशाना बनाया, जबकि पाकिस्तान भारत के किसी भी सुरक्षित क्षेत्र में घुसने में नाकाम रहा। इससे भारत की सैन्य श्रेष्ठता पूरी दुनिया के सामने आ गई67।
ऑपरेशन सिंदूर की सबसे बड़ी खासियत थी-जवाबी कार्रवाई में संयम और नियंत्रण। भारत ने पूर्ण युद्ध से बचते हुए, सीमित और सटीक हमले किए। इससे स्पष्ट संदेश गया कि भारत अब न सिर्फ जवाब देगा, बल्कि संघर्ष की गति और दिशा भी खुद तय करेगा234।
सबसे अहम बात, भारत ने इस पूरे संकट को बिना किसी अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता के, अपनी शर्तों पर संभाला। यह भारत की संप्रभुता और नई राष्ट्रीय सुरक्षा नीति का ऐलान था, जिसमें अब आतंक और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते46।
ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ प्रतिशोध नहीं, बल्कि प्रतिरोध की लड़ाई थी-जिसमें भारत ने संयम, परिपक्वता और निर्णायक शक्ति का प्रदर्शन किया। यह आधुनिक युद्ध में भारत की नई पहचान और आत्मविश्वास का प्रतीक बन गया है245।
“यहाँ एक और अत्यंत महत्वपूर्ण बात है, जिसकी चर्चा सबसे कम हुई है — वह है रक्षा क्षेत्र में पिछले दशक में किए गए सुधार। भारत ने रक्षा क्षेत्र में खुद को आत्मनिर्भर बनाने पर विशेष ध्यान दिया है। यदि कोई देश रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो, तो ऐसी किसी भी कार्रवाई के लिए उसे विश्व के अन्य देशों की सहमति की आवश्यकता कम पड़ती है। इसका एक उदाहरण हम यूक्रेन में देख सकते हैं, जिसे अपने युद्ध के लिए दूसरे देशों की सभी अनुचित शर्तें मानने के लिए मजबूर होना पड़ा।”

पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार के हालिया बयान ने बढ़ाया तनाव
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार के हालिया बयान ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण माहौल में नई हलचल पैदा कर दी है। डार ने नेशनल असेंबली में कहा कि दोनों देशों के बीच सीज़फायर को 18 मई तक बढ़ाया गया है। यह फैसला दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच हॉटलाइन बातचीत के बाद लिया गया, जिसमें पहले 12 मई, फिर 14 मई और अब 18 मई तक संघर्षविराम को आगे बढ़ाया गया है12।
इस बयान के बाद चर्चाएं तेज़ हो गई हैं कि क्या 18 मई के बाद फिर से सीमा पर गोलाबारी या ड्रोन-मिसाइल हमले शुरू हो सकते हैं? दरअसल, पाकिस्तान की यह रणनीति भारत को बातचीत की टेबल पर लाने और सिंधु जल संधि पर नए सिरे से चर्चा शुरू कराने की है3। हाल ही में भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था, जिससे पाकिस्तान पर दबाव बढ़ गया है34।
पाकिस्तान अब बातचीत की पेशकश कर रहा है, लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि जब तक सीमा पार आतंकवाद पूरी तरह बंद नहीं होता, तब तक कोई वार्ता नहीं होगी और संधि निलंबित ही रहेगी4। ऐसे में इशाक डार का सीज़फायर की ‘डेडलाइन’ बताना असल में एक कूटनीतिक चाल है-जिसका मकसद भारत को मनाना और अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाना है।
अब सबकी निगाहें 18 मई पर टिकी हैं-क्या वाकई संघर्षविराम टूटेगा या पाकिस्तान की यह पैंतरेबाज़ी सिर्फ बातचीत के लिए दबाव बनाने की कोशिश है? भारत फिलहाल पूरी सतर्कता के साथ अपने रुख पर कायम है।
“पाकिस्तान अभी तक ऑपरेशन सिंदूर के झटके से उबर नहीं पाया है। यही कारण है कि पाकिस्तान की सरकार और सेना, दोनों किसी भी प्रकार से अपने अवाम को यह विश्वास दिलाने की कोशिश कर रहे हैं कि ऑपरेशन सिंदूर में उसकी बढ़त रही है और सीज़फायर पाकिस्तान की शर्तों पर हुआ है।”
सोना एक महीने के निचले स्तर पर!
सोने की कीमत 15 मई 2025 को देशी और विदेशी बाजारों में एक महीने के निचले स्तर पर आ गई, जिससे निवेशकों में घबराहट का माहौल है15। बीते महीने सोना रिकॉर्ड ऊंचाई (1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम) तक पहुंच गया था, लेकिन अब इसमें लगभग 8,750 रुपये या 8.75% की गिरावट देखी गई है58।
एमसीएक्स पर गोल्ड फ्यूचर्स 1.33% गिरकर 91,150 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था1। वहीं, दिल्ली में 24 कैरेट सोना 96,200 रुपये और 22 कैरेट सोना 88,190 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया है57। मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और अन्य शहरों में भी 24 कैरेट सोना 96,050-96,223 रुपये और 22 कैरेट सोना 88,040-88,229 रुपये के आसपास है457।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी गिरावट दिखी। स्पॉट गोल्ड 1.3% गिरकर 3,136.97 डॉलर प्रति औंस और यूएस गोल्ड फ्यूचर्स 1.5% गिरकर 3,140 डॉलर प्रति औंस पर आ गया1। यह 10 अप्रैल के बाद का सबसे कम स्तर है।
कीमतों में गिरावट के मुख्य कारण:
क्या यह बड़ी गिरावट की शुरुआत है?
“विशेषज्ञों के अनुसार, फिलहाल यह गिरावट अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों और डॉलर की मजबूती से जुड़ी है। हालांकि, लंबी अवधि में सोने की मांग और कीमतें आर्थिक अनिश्चितता, महंगाई और भू-राजनीतिक घटनाओं पर निर्भर रहेंगी। निवेशकों को जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचना चाहिए और बाजार की दिशा पर नजर रखनी चाहिए।”
रेड 2 बॉक्स ऑफिस कलेक्शन डे 15: हिट या फ्लॉप?
अजय देवगन, वाणी कपूर और रितेश देशमुख की ‘रेड 2’ ने रिलीज के 15वें दिन तक बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन किया है। फिल्म ने 15वें दिन करीब 3.5 करोड़ रुपये की कमाई की, जिससे इसका कुल कलेक्शन लगभग 133-135 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है235।
रोचक तथ्य:
- ‘रेड 2’ ने जाट, सिकंदर, स्काई फोर्स और केसरी चैप्टर 2 जैसी फिल्मों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं56।
- फिल्म का बजट करीब 48 करोड़ रुपये था, यानी लागत से तीन गुना ज्यादा कमा चुकी है35।
- यह 2025 की दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली बॉलीवुड फिल्म बन गई है, सिर्फ ‘छावा’ से पीछे246।
- लगातार वीकडे कलेक्शन मजबूत रहे, जिससे फिल्म को हिट का दर्जा मिला है25।
- अब ‘रेड 2’ का अगला टारगेट ‘सिंघम रिटर्न्स’ (140.62 करोड़) और ‘शैतान’ (149.49 करोड़) के लाइफटाइम कलेक्शन को पार करना है3।
निष्कर्ष:
‘रेड 2’ न सिर्फ हिट साबित हुई है, बल्कि 15 दिनों में ही कई बड़े रिकॉर्ड अपने नाम कर चुकी है। फिल्म की कमाई और पॉपुलैरिटी दोनों ही हैरान करने वाली हैं।

विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की असली वजह
पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री ने विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की असली वजह बताई है। शास्त्री के अनुसार, कोहली लगातार सार्वजनिक आलोचनाओं और कमेंट्स से मानसिक रूप से थक चुके थे। उन्होंने कहा कि कोहली शारीरिक रूप से तो फिट थे, लेकिन मानसिक थकान ने उन्हें यह बड़ा फैसला लेने पर मजबूर किया।
शास्त्री ने बताया कि कोहली ने संन्यास की घोषणा से पहले उनसे बात की थी और उनका मन पूरी तरह साफ था। शास्त्री को लगा था कि कोहली में अभी 2-3 साल टेस्ट क्रिकेट खेलने की क्षमता है, लेकिन मानसिक थकान के कारण उन्होंने संन्यास का फैसला किया।
कोहली ने अपने करियर में भारत को 68 टेस्ट में से 40 में जीत दिलाई, जो किसी भी भारतीय कप्तान के लिए सबसे ज्यादा है। शास्त्री ने उनकी आक्रामकता और मैदान पर पूरी भागीदारी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि कोहली का जुनून और 100% देने की आदत उन्हें बाकी खिलाड़ियों से अलग बनाती है।
शास्त्री ने यह भी कहा कि कोहली ने दुनियाभर में क्रिकेट को लोकप्रिय बनाया और लाखों लोगों को खेल देखने के लिए प्रेरित किया। लेकिन लगातार सुर्खियों में रहने और आलोचनाओं ने उन्हें बर्नआउट की स्थिति में ला दिया, जिससे उन्होंने संन्यास लेने का फैसला किया।


क्यों चर्चा में है ब्रह्मोस मिसाइल
ब्रह्मोस मिसाइल भारतीय सेना की सबसे घातक और तेज़ हथियारों में से एक है। इसे भारत और रूस ने मिलकर बनाया है। इसका नाम भी दोनों देशों की नदियों-ब्रह्मपुत्र और मोस्कवा-से लिया गया है।
ब्रह्मोस की सबसे बड़ी खासियत है इसकी रफ्तार। यह आवाज़ की गति से तीन गुना तेज़ यानी सुपरसॉनिक है। इतनी तेज़ मिसाइल को दुश्मन के रडार पकड़ ही नहीं पाते!
यह मिसाइल ज़मीन, पानी, पनडुब्बी या हवाई जहाज-कहीं से भी दागी जा सकती है। इसकी मारक क्षमता 290 किलोमीटर से भी ज्यादा है और यह अपने लक्ष्य को एक मीटर के दायरे में सटीकता से भेद सकती है।
ब्रह्मोस की ‘आग और भूल’ तकनीक और स्टील्थ क्षमता इसे और भी ख़ास बनाती है। यही वजह है कि ब्रह्मोस दुश्मनों के लिए डर और भारत के लिए गर्व का कारण है!
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दीपक चौधरी एक अनुभवी संपादक हैं, जिन्हें पत्रकारिता में चार वर्षों का अनुभव है। वे राजनीतिक घटनाओं के विश्लेषण में विशेष दक्षता रखते हैं। उनकी लेखनी गहरी अंतर्दृष्टि और तथ्यों पर आधारित होती है, जिससे वे पाठकों को सूचित और जागरूक करते हैं।