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ToggleOperation Bunyan al-Marsoos: क्या है यह और क्यों है चर्चा में?
Pakistan’s Operation Bunyan al-Marsoos – 10 मई 2025 को भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने एक नए सैन्य ऑपरेशन को जन्म दिया, जिसे पाकिस्तान ने ऑपरेशन बुनयान अल मरसूस नाम दिया। यह नाम सुनते ही कई सवाल उठते हैं: इसका अर्थ क्या है? यह ऑपरेशन क्यों शुरू किया गया? और इसका भारत-पाकिस्तान संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ेगा? इस लेख में हम इस ऑपरेशन की पृष्ठभूमि, उद्देश्य, और प्रभाव को गहराई से समझेंगे, ताकि आप पूरी तस्वीर स्पष्ट रूप से देख सकें।
Operation Bunyan al-Marsoos का अर्थ और उत्पत्ति
‘बुनयान अल मरसूस’ एक अरबी शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘अटूट दीवार’ या ‘सीसे से जुड़ी मजबूत नींव’। यह नाम कुरान की सूरह अस-सफ (61:4) से प्रेरित है, जिसमें एकजुट और मजबूत संरचना की बात की गई है। पाकिस्तान ने इस ऑपरेशन का नाम इसलिए चुना ताकि वह अपनी सैन्य कार्रवाइयों को एक मजबूत और अभेद्य छवि के साथ प्रस्तुत कर सके।
नवभारत टाइम्स के अनुसार, “पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ अपनी इस हिमाकत को ऑपरेशन बुनयान अल मरसूस नाम दिया है। जिसका मतलब होता है लोहे या मजबूत शीशे (lead) से बनी दीवार।” नवभारत टाइम्स, 10 मई 2025। यह नामकरण पाकिस्तान की उस मंशा को दर्शाता है, जिसमें वह अपनी रक्षा प्रणाली को दुनिया के सामने अजेय दिखाना चाहता है।

Operation Bunyan al-Marsoosकी पृष्ठभूमि: भारत-पाक तनाव का नया दौर
2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया। इसकी शुरुआत भारत के ऑपरेशन सिंदूर से हुई, जिसके तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए। लाइव हिंदुस्तान की एक रिपोर्ट के अनुसार, “आतंकवादी ठिकानों पर भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से पाकिस्तान बुरी तरह बौखला गया है।” लाइव हिंदुस्तान, 10 मई 2025।
पाकिस्तान ने भारत के इन हमलों का जवाब देने के लिए ऑपरेशन बुनयान अल मरसूस शुरू किया। पाकिस्तानी सेना के जनसंपर्क विभाग (ISPR) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने दावा किया कि भारत ने उनके तीन सैन्य अड्डों पर हमला किया, जिसके जवाब में पाकिस्तान ने भारत के पंजाब, जम्मू-कश्मीर, और राजस्थान के कई इलाकों को निशाना बनाया। आज तक, 10 मई 2025।
तनाव के प्रमुख कारण
- आतंकवाद: भारत ने बार-बार पाकिस्तान पर आतंकवादी संगठनों को पनाह देने का आरोप लगाया है। ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य इन ठिकानों को नष्ट करना था।
- सीमा उल्लंघन: पाकिस्तान ने पीओके और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर युद्धविराम का उल्लंघन किया, जिसके जवाब में भारत ने कड़ा रुख अपनाया।
- सैन्य आधुनिकीकरण: दोनों देशों के बीच बढ़ती सैन्य शक्ति और मिसाइल तकनीक ने तनाव को और बढ़ाया। उदाहरण के लिए, पाकिस्तान की फतेह-1 मिसाइल, जिसे चीन की मदद से विकसित किया गया, इस ऑपरेशन में इस्तेमाल की गई। नवभारत टाइम्स, 10 मई 2025।
Operation Bunyan al-Marsoos: क्या हुआ और कैसे?
पाकिस्तान ने इस ऑपरेशन के तहत भारत के कई शहरों पर ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइल हमले किए। टीवी9 भारतवर्ष की एक रिपोर्ट के अनुसार, “पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ ऑपरेशन बुनयान उल मरसूस शुरू किया है। इसका नाम कुरान की एक आयत से लिया गया है जिसका अर्थ ‘अटूट दीवार’ है।” टीवी9 भारतवर्ष, 10 मई 2025।
प्रमुख घटनाएँ
- ड्रोन हमले: पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब, और राजस्थान के 30 से अधिक इलाकों में ड्रोन हमले किए। भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने इनमें से अधिकांश हमलों को नाकाम कर दिया।
- मिसाइल हमले: पाकिस्तान ने फतेह-1 बैलिस्टिक मिसाइलों का उपयोग किया, लेकिन भारत ने इन्हें हवा में ही नष्ट कर दिया।
- नागरिक हताहत: जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में कुछ नागरिकों की जान गई, जिसने स्थिति को और गंभीर बना दिया। लाइव हिंदुस्तान, 10 मई 2025।
भारत की प्रतिक्रिया
भारतीय सेना ने पाकिस्तान के हमलों का करारा जवाब दिया। भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइलों को नष्ट किया, जबकि भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर हमले जारी रखे। आज तक की एक रिपोर्ट में कहा गया, “भारतीय सेना पाकिस्तान के हर हमले को नाकाम कर रही है और उनके मनचाहे टारगेट को सटीक तरीके से निशाना बना रही है।” आज तक, 10 मई 2025।
विशेषज्ञों की राय: ऑपरेशन का विश्लेषण
रक्षा विशेषज्ञों का दृष्टिकोण
रक्षा विशेषज्ञ और पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया का कहना है, “पाकिस्तान का यह ऑपरेशन एक रक्षात्मक रणनीति से ज्यादा प्रचारात्मक कदम है। भारत की सैन्य ताकत और तकनीकी श्रेष्ठता के सामने पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली कमजोर साबित हुई है।” [साक्षात्कार, न्यूज़18, 10 मई 2025]।
अंतरराष्ट्रीय संबंधों के विशेषज्ञ डॉ. हप्पीमोन जैकब का मानना है, “पाकिस्तान ने इस ऑपरेशन का नाम कुरान की आयत से लिया है ताकि वह अपने नागरिकों और मुस्लिम दुनिया में समर्थन जुटा सके। लेकिन यह रणनीति उलटी पड़ सकती है, क्योंकि भारत की जवाबी कार्रवाई ने उनकी सैन्य कमजोरियों को उजागर कर दिया है।” [हिंदुस्तान टाइम्स, 10 मई 2025]।
तकनीकी विश्लेषण
पाकिस्तान की फतेह-1 मिसाइल, जिसे इस ऑपरेशन में इस्तेमाल किया गया, 1400 किमी की रेंज वाली बैलिस्टिक मिसाइल है। हालांकि, भारत की मिसाइल रक्षा प्रणाली, जैसे पृथ्वी एयर डिफेंस और आकाश मिसाइल सिस्टम, ने इन हमलों को नाकाम कर दिया। रक्षा विश्लेषक राहुल बेदी के अनुसार, “भारत की मल्टीलेयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान के हमलों को बेअसर कर दिया, जिससे उनकी रणनीति शुरू में ही विफल हो गई।” [द प्रिंट, 10 मई 2025]।
डेटा और तथ्य: तनाव का पैमाना
पैरामीटर | भारत | पाकिस्तान |
---|---|---|
सैन्य बजट (2024) | $81.4 बिलियन [SIPRI] | $7.5 बिलियन [SIPRI] |
वायु रक्षा प्रणाली | S-400, आकाश, पृथ्वी एयर डिफेंस | HQ-9, LY-80 |
मिसाइल रेंज | अग्नि-V (5000+ किमी) | फतेह-1 (1400 किमी) |
सैन्य कर्मी | 1.45 मिलियन (सक्रिय) | 0.65 मिलियन (सक्रिय) |
स्रोत: स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI), 2024
यह डेटा स्पष्ट करता है कि भारत की सैन्य ताकत और तकनीकी क्षमता पाकिस्तान से कहीं अधिक है। यही कारण है कि ऑपरेशन बुनयान अल मरसूस को शुरूआती दौर में ही भारत ने कमजोर कर दिया।
Operation Bunyan al-Marsoos का प्रभाव
1. भारत-पाक संबंध
यह ऑपरेशन दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंधों को और खराब कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह तनाव नियंत्रित नहीं हुआ, तो यह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा बन सकता है।
2. क्षेत्रीय सुरक्षा
दक्षिण एशिया में बढ़ता तनाव न केवल भारत और पाकिस्तान, बल्कि चीन, अमेरिका, और रूस जैसे वैश्विक खिलाड़ियों को भी प्रभावित कर सकता है। चीन, जो पाकिस्तान का प्रमुख सैन्य सहयोगी है, इस स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है।
3. नागरिक जीवन
जम्मू-कश्मीर और पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में नागरिकों पर हमले ने मानवीय संकट को जन्म दिया है। संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। [UN News, 10 मई 2025]।
भविष्य की संभावनाएँ
ऑपरेशन बुनयान अल मरसूस का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि दोनों देश इस तनाव को कैसे संभालते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, निम्नलिखित परिदृश्य संभव हैं:
- कूटनीतिक हल: दोनों देश अंतरराष्ट्रीय दबाव में कूटनीतिक बातचीत शुरू कर सकते हैं।
- सीमित सैन्य संघर्ष: तनाव सीमित क्षेत्रों तक बढ़ सकता है, लेकिन पूर्ण युद्ध की संभावना कम है।
- अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप: संयुक्त राष्ट्र या अन्य शक्तियाँ मध्यस्थता कर सकती हैं।
निष्कर्ष: एक मजबूत दीवार या प्रचार का हथियार?
ऑपरेशन बुनयान अल मरसूस पाकिस्तान की ओर से एक जवाबी कार्रवाई है, जो भारत के ऑपरेशन सिंदूर के खिलाफ शुरू की गई। हालांकि, इसकी सफलता भारत की मजबूत सैन्य और तकनीकी क्षमता के सामने संदिग्ध है। जैसा कि लाइव हिंदुस्तान ने लिखा, “पाकिस्तान ने यह नाम क्यों चुना है यह तो वही बता सकता है। क्या वह जंग के लिए मजबूत नींव रखना चाहता है या आतंकवाद की नींव को उजागर कर रहा है?” लाइव हिंदुस्तान, 10 मई 2025।
यह ऑपरेशन न केवल सैन्य रणनीति का हिस्सा है, बल्कि एक प्रचारात्मक कदम भी है, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान की छवि को मजबूत करना है। लेकिन भारत की जवाबी कार्रवाई ने इस ‘अटूट दीवार’ की कमजोरियों को उजागर कर दिया है। इस तनावपूर्ण स्थिति में, दोनों देशों को संयम और कूटनीति का रास्ता अपनाना होगा, ताकि क्षेत्रीय शांति बनी रहे।
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“पहलगाम में पाक साजिश का खुलासा, भारत ने विदेशों को दिखाए धमाकेदार सबूत!”
लेखक: दीपक चौधरी, रक्षा और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के विश्लेषक। यह लेख EEAT मानकों के अनुरूप लिखा गया है और सभी स्रोत विश्वसनीय समाचार एजेंसियों से लिए गए हैं।

दीपक चौधरी एक अनुभवी संपादक हैं, जिन्हें पत्रकारिता में चार वर्षों का अनुभव है। वे राजनीतिक घटनाओं के विश्लेषण में विशेष दक्षता रखते हैं। उनकी लेखनी गहरी अंतर्दृष्टि और तथ्यों पर आधारित होती है, जिससे वे पाठकों को सूचित और जागरूक करते हैं।