प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़: श्रद्धालुओं की आंखों देखी

महाकुंभ में भगदड़

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़: श्रद्धालुओं की आंखों देखी, मौतों पर अलग-अलग दावे और प्रशासन की सफाई

प्रयागराज – आस्था के सबसे बड़े मेले महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या के दिन एक बड़ा हादसा हो गया। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते 28 और 29 जनवरी की दरमियानी रात भगदड़ मच गई, जिसमें सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 30 लोगों की मौत हो गई, जबकि 60 से अधिक लोग घायल हुए

हालांकि, प्रत्यक्षदर्शियों और कुछ संगठनों का दावा है कि मरने वालों की संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है। हादसे के बाद सरकार, प्रशासन और राजनीतिक दलों के अलग-अलग दावे सामने आ रहे हैं, जबकि पीड़ित परिवारों का दर्द दिल दहला देने वाला है।

mahakumbh  men bhagdad
mahakumbh men bhagdad

कैसे हुई भगदड़? क्या बोले चश्मदीद?

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मौनी अमावस्या के मौके पर लाखों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने पहुंचे थे। देर रात अचानक भीड़ अनियंत्रित हो गई और धक्का-मुक्की शुरू हो गई। कुछ लोगों के फिसलने से भगदड़ मच गई, जिससे कई लोग कुचल गए।

बिहार से आई सुनीता देवी, जो इस भगदड़ में ज़िंदा बच गईं, ने कहा:
“सब कुछ एक पल में बदल गया। लोग एक-दूसरे पर गिर रहे थे, चारों तरफ चीख-पुकार मची थी। मैं अपनी बहन का हाथ पकड़कर भाग रही थी, लेकिन अचानक उसका हाथ छूट गया। जब होश आया, तो वह नहीं रही।”

बिहार की राधा देवी, जो अपने परिवार के साथ आई थीं, ने बताया,
“हमारा पूरा परिवार साथ था, लेकिन जब भगदड़ मची तो हमें कुछ समझ नहीं आया। मैं गिर गई थी, ऊपर से कई लोग गुज़र गए। किसी तरह पुलिस ने बचाया। लेकिन मेरे पति अब इस दुनिया में नहीं हैं।”

mahakumbh  men bhagdad
mahakumbh men bhagdad

बिहार के 11 लोगों की मौत, पूरा गांव सदमे में

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बिहार के 11 श्रद्धालुओं की मौत हुई है। इनमें चार गोपालगंज, दो औरंगाबाद, और एक-एक पटना, मुजफ्फरपुर, सुपौल, बांका और पश्चिमी चंपारण के थे। पटना से सटे मनेर की सिया देवी भी उन्हीं श्रद्धालुओं में थीं, जिनकी मौत की खबर से उनके गांव में मातम पसरा हुआ है।

स्थानीय निवासी रामप्रवेश यादव ने कहा,
“वे आस्था की डुबकी लगाने गई थीं, लेकिन अब उनकी लाश लौटेगी। पूरे गांव में सन्नाटा है, कोई कुछ बोलने की हालत में नहीं है।”


mahakumbh  men bhagdad
mahakumbh men bhagdad

प्रशासन और सरकार की सफाई, विपक्ष का हमला

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैंडीआईजी (महाकुंभ नगर मेला क्षेत्र) वैभव कृष्ण ने बताया कि
“अब तक 30 मृतकों की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से 25 की पहचान कर ली गई है। घायलों का इलाज जारी है और प्रशासन पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद देने के लिए प्रतिबद्ध है।”

लेकिन विपक्ष और सामाजिक संगठनों ने सरकार पर व्यवस्थाओं की लापरवाही का आरोप लगाया है
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर लिखा,
“इतने बड़े आयोजन में भीड़ नियंत्रण के पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं किए गए? प्रशासन को जवाब देना होगा कि इस त्रासदी के लिए कौन ज़िम्मेदार है?”

वहीं, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा,
“हर बार सरकार बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन जब हादसा होता है तो लोगों की जान चली जाती है। यह साफ दर्शाता है कि व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो गई।”

mahakumbh  men bhagdad
mahakumbh men bhagdad

पहले भी हो चुकी हैं कुंभ में भगदड़ की घटनाएं

कुंभ मेले में भगदड़ की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं

  • 1954 (प्रयागराज) – कुंभ में मची भगदड़ में 800 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हुई थी।
  • 1986 (हरिद्वार)50 से अधिक लोगों की जान गई
  • 2003 (नासिक) – त्र्यंबकेश्वर कुंभ में भगदड़ में 39 श्रद्धालु मारे गए
  • 2013 (प्रयागराज) – रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 36 लोग मारे गए

इस बार भी हादसे से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं


mahakumbh  men bhagdad
mahakumbh men bhagdad

तीन महिलाओं की दर्दनाक कहानी: जिन्होंने कुंभ में अपनों को खो दिया

यह त्रासदी कई परिवारों को तोड़ गई।

1. गीता देवी (पटना)“मैं अपनी बेटी के साथ थी। अचानक भीड़ बेकाबू हो गई और मेरी बेटी मुझसे अलग हो गई। जब मैंने उसे ढूंढा, तो वह ज़मीन पर बेसुध पड़ी थी। वह अब इस दुनिया में नहीं है।”

2. पूनम (बिहार)“मेरी मां मेरे साथ थीं। भगदड़ में उनका हाथ छूट गया। मैंने बहुत ढूंढा, लेकिन जब मिलीं तो वे दम तोड़ चुकी थीं।”

3. सविता (गोरखपुर)“पति के साथ आई थी। लेकिन जब भीड़ ने धक्का दिया, मैं बच गई, वो नहीं। अब घर लौटकर किसे बताऊंगी कि मैं अकेली रह गई?”


mahakumbh  men bhagdad
mahakumbh men bhagdad

सरकार को उठाने होंगे ठोस कदम

कुंभ हिंदू आस्था का सबसे बड़ा पर्व है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु पहुंचते हैं। लेकिन हर बार भगदड़ की घटनाएं सवाल खड़े कर देती हैं। इस हादसे के बाद प्रशासन पर भीड़ नियंत्रण को लेकर कई सवाल उठे हैं

अब सरकार को सिर्फ मुआवजे तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न दोहराई जाएं।


निष्कर्ष

प्रयागराज महाकुंभ की भगदड़ ने एक बार फिर कुंभ मेले की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। श्रद्धालुओं की मौत ने कई परिवारों को तबाह कर दिया है। सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन विपक्ष और पीड़ित परिवार प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठा रहे हैं।

अब देखना यह होगा कि क्या सरकार इस हादसे से सबक लेकर आने वाले आयोजनों में बेहतर इंतजाम करेगी, या फिर यह घटना भी कुछ समय बाद भुला दी जाएगी?

और पढ़ें