
Stock Market Crash: सेंसेक्स-निफ्टी में भारी गिरावट, HMPV Virus बना चिंता का कारण
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ToggleStock Market Crash के पीछे के कारण
शेयर बाजार में आज यानी 6 जनवरी 2025 को Stock Market Crash हो गई । बीएसई सेंसेक्स 1,100 अंकों से अधिक गिरकर बंद हुआ, जबकि निफ्टी भी 365 अंकों तक फिसल गया। निवेशकों के लिए यह सप्ताह की शुरुआत के साथ ही बुरी खबर लेकर आया।
HMPV Virus ने बढ़ाई अनिश्चितता जिससे Stock Market Crash हो गई
शेयर बाजार में इस गिरावट की एक बड़ी वजह ह्यूमन मेटा-न्यूमोवायरस (HMPV Virus) है। यह वायरस चीन में तेजी से फैल रहा है और अब भारत में भी इसके मामले सामने आने लगे हैं। कर्नाटक में दो बच्चों में इस वायरस की पुष्टि हुई है।
HMPV Virus मुख्य रूप से एक सांस संबंधी वायरस है, जिसके लक्षण सामान्य सर्दी जैसे हैं। हालांकि, यह अधिक घातक साबित हो सकता है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।
HMPV Virus के असर से बाजार की चाल प्रभावित
HMPV Virus की खबर ने निवेशकों के मन में कोरोना महामारी की यादें ताजा कर दी हैं। निवेशकों को डर है कि अगर इस वायरस का प्रभाव बढ़ा तो बाजार पर लंबे समय तक दबाव बना रह सकता है। सेंसेक्स की टॉप-30 कंपनियों में से सिर्फ 5 कंपनियां ही हरे निशान में बंद हो पाईं। टाटा स्टील और कोटक महिंद्रा जैसे दिग्गज स्टॉक्स में 3% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई।

Stock Market Crash होने के पीछे तीसरी तिमाही के नतीजों से पहले सतर्कता भी एक कारण
निवेशकों की सतर्कता का एक अन्य बड़ा कारण वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही के नतीजों को लेकर अनिश्चितता है। पिछली दो तिमाहियों में कंपनियों के वित्तीय प्रदर्शन में गिरावट देखी गई थी।
अगर तीसरी तिमाही के नतीजे भी उम्मीदों से कमजोर रहते हैं, तो यह बिकवाली और भी तेज कर सकता है।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली का दबाव
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की बिकवाली भी बाजार में गिरावट की वजह बनी है। जनवरी 2025 में अब तक FPI ने 4,285 करोड़ रुपये की बिकवाली की है। विदेशी निवेशकों की यह लगातार बिकवाली बाजार पर दबाव बना रही है।
इसके अलावा, डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी भी विदेशी निवेशकों के लिए चिंता का कारण बन रही है।
कमजोर ग्लोबल संकेतों का भी प्रभाव: Stock Market Crash
ग्लोबल मार्केट में कमजोर संकेतों ने भारतीय शेयर बाजार को और नुकसान पहुंचाया। एशियाई बाजार आज के कारोबार में 1.4% तक गिर गए।
- क्रूड ऑयल की कीमतों में उछाल: क्रूड ऑयल की कीमतें अक्टूबर 2024 के बाद के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं।
- डॉलर की मजबूती: डॉलर इंडेक्स 109 पर पहुंच गया है।
- ऊंची बॉन्ड यील्ड: 10 साल की अमेरिकी बॉन्ड यील्ड 4.62% है।
इन कारणों से ग्लोबल निवेशकों का रुख नकारात्मक हो गया है, जिसका असर भारतीय बाजारों पर भी पड़ा।
सभी सेक्टोरल इंडेक्स में गिरावट
आज के कारोबार में सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए।
- निफ्टी IT: 0.12% की मामूली गिरावट के साथ 43,675 पर बंद हुआ।
- निफ्टी फार्मा: 0.82% लुढ़ककर 23,073 पर बंद हुआ।
- बैंक निफ्टी: 2.09% गिरकर 49,922 पर बंद हुआ।
- निफ्टी ऑटो: 2.18% की गिरावट के साथ 23,482 पर क्लोज हुआ।
- निफ्टी PSU बैंक: 4% गिरकर 6,354 के स्तर पर बंद हुआ।
टेक्निकल संकेत: निफ्टी पर दबाव
ICICI फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ मार्केटिंग स्ट्रेटेजिस्ट आनंद जेम्स के अनुसार, निफ्टी के लिए 23,960 से 23,860 का जोन अहम सपोर्ट लेवल है। अगर निफ्टी 23,860 के नीचे जाता है, तो यह 23,750 तक गिर सकता है।
निवेशकों के लिए सलाह
- सतर्क रहें: HMPV Virus और तीसरी तिमाही के नतीजों को ध्यान में रखते हुए निवेशक सतर्कता बरतें।
- टेक्निकल चार्ट पर नजर: निफ्टी के सपोर्ट लेवल्स को ध्यान में रखें।
- लॉन्ग-टर्म दृष्टिकोण अपनाएं: बाजार में शॉर्ट-टर्म गिरावट के बावजूद, लॉन्ग-टर्म निवेश के अवसरों पर नजर रखें।
निष्कर्ष
आज के Stock Market Crash के पीछे HMPV Virus, तीसरी तिमाही के वित्तीय नतीजे, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और कमजोर ग्लोबल संकेत मुख्य कारण रहे। निवेशकों को सतर्कता के साथ अपनी रणनीति तय करनी चाहिए। बाजार में गिरावट के बावजूद, लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए यह अवसर हो सकता है।

दीपक चौधरी एक अनुभवी संपादक हैं, जिन्हें पत्रकारिता में चार वर्षों का अनुभव है। वे राजनीतिक घटनाओं के विश्लेषण में विशेष दक्षता रखते हैं। उनकी लेखनी गहरी अंतर्दृष्टि और तथ्यों पर आधारित होती है, जिससे वे पाठकों को सूचित और जागरूक करते हैं।