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Toggleट्रम्प के नए टैरिफ में भारत का नाम नहीं! क्या मोदी-ट्रम्प की दोस्ती से मिला फायदा?

📌 मुख्य बिंदु:
✔ ट्रम्प ने चीन, कनाडा और मेक्सिको पर टैरिफ लगाया, लेकिन भारत पर नहीं।
✔ भारत को अमेरिका के व्यापार घाटे में केवल 3.2% का योगदान, जबकि चीन का 30.2%।
✔ मोदी-ट्रम्प की दोस्ती से भारत को व्यापारिक राहत मिली?
✔ चीन WTO में अमेरिका के टैरिफ को चुनौती देगा, जबकि कनाडा और मेक्सिको ने जवाबी टैरिफ लगाया।
✔ अमेरिका में भारतीय उत्पादों के लिए अवसर बढ़ने की संभावना।
📢 ट्रम्प के नए टैरिफ से भारत कैसे बचा?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 1 फरवरी को चीन, कनाडा और मेक्सिको पर भारी टैरिफ लगाने की घोषणा की।
- चीन पर 10% अतिरिक्त शुल्क
- मेक्सिको और कनाडा पर 25% शुल्क
लेकिन भारत इस लिस्ट में नहीं था, जबकि इससे पहले ट्रम्प ने भारत, चीन और ब्राजील पर हाई टैरिफ लगाने की धमकी दी थी।
❓ क्या मोदी और ट्रम्प की दोस्ती भारत के लिए फायदेमंद रही?
👉 ट्रम्प ने अपने कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कई बार दोस्ती का प्रदर्शन किया।
👉 “Howdy Modi” (ह्यूस्टन, 2019) और “Namaste Trump” (अहमदाबाद, 2020) कार्यक्रमों में दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की सराहना की।
👉 भारत ने अमेरिका के टैरिफ से बचने के लिए कुछ अमेरिकी सामानों पर शुल्क कम कर दिया, जिससे ट्रम्प ने भारत को टैरिफ लिस्ट से बाहर रखा।

📊 अमेरिका को व्यापार घाटा किन देशों से होता है?
2023 में अमेरिका को व्यापार घाटा (अरब डॉलर में)
🌎 देश | 📉 व्यापार घाटा ($ अरब में) | 📊 प्रतिशत योगदान (%) |
---|---|---|
🇨🇳 चीन | 317 | 30.2 |
🇲🇽 मेक्सिको | 200 | 19.0 |
🇨🇦 कनाडा | 153 | 14.0 |
🇩🇪 जर्मनी | 68 | 6.5 |
🇯🇵 जापान | 55 | 5.2 |
🇮🇳 भारत | 36 | 3.2 |
🔹 भारत अमेरिका के व्यापार घाटे में 9वें स्थान पर है, इसलिए ट्रम्प ने भारत को टैरिफ वॉर से बाहर रखा।
भारत के लिए क्या हैं नए अवसर?
✅ भारतीय प्रोडक्ट्स की अमेरिका में डिमांड बढ़ेगी
✅ चीन पर टैरिफ का फायदा भारतीय कंपनियों को मिलेगा
✅ भारत का IT, टेक्सटाइल और फार्मा सेक्टर ग्रो कर सकता है
✅ अमेरिका के साथ भारत का ट्रेड बैलेंस सुधर सकता है
📌 विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय उत्पाद अमेरिकी बाजार में तेजी से अपनी जगह बना सकते हैं।
चीन ने WTO में अमेरिका के खिलाफ की शिकायत
🚨 चीन ने अमेरिका द्वारा 10% टैरिफ लगाने के फैसले को विश्व व्यापार संगठन (WTO) में चुनौती देने का ऐलान किया।
📢 चीन का बयान:
“अमेरिका WTO के नियमों का उल्लंघन कर रहा है। उसे सहयोग बढ़ाना चाहिए, न कि व्यापार युद्ध छेड़ना चाहिए।”
कनाडा और 🇲🇽 मेक्सिको ने भी किया पलटवार
🔴 कनाडा ने अमेरिका पर 25% टैरिफ लगाया
📌 106 अरब डॉलर के अमेरिकी सामान पर शुल्क बढ़ाने का फैसला।
📌 20 अरब डॉलर की शराब और फलों पर 25% टैरिफ।
🔴 मेक्सिको की प्रतिक्रिया:
📌 राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने कहा कि मेक्सिको जवाबी टैरिफ लगाएगा।
📌 “समस्याओं का हल सहयोग से होता है, न कि टैरिफ से।”

क्या मोदी-ट्रम्प की दोस्ती से भारत को फायदा मिला?
📌 मोदी और ट्रम्प के बीच अच्छे संबंधों के कारण भारत को इस बार टैरिफ से राहत मिली।
📌 भारत ने अमेरिकी सामानों पर टैरिफ घटाकर ट्रम्प को खुश किया।
📌 अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध से भारत को नए अवसर मिल सकते हैं।
🔹 लेकिन भारत को सतर्क रहना होगा क्योंकि ट्रम्प ने पहले ब्रिक्स देशों (भारत, ब्राजील, चीन, रूस, साउथ अफ्रीका) पर 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी।
🔮 आगे क्या होगा?
✔ अमेरिकी बाजार में भारतीय उत्पादों की हिस्सेदारी बढ़ सकती है।
✔ चीन को भारी नुकसान होगा, जिससे वह नई रणनीति बनाएगा।
✔ कनाडा और मेक्सिको के जवाबी टैरिफ से अमेरिकी कंपनियों पर असर पड़ेगा।
✔ डॉलर की कीमतों और वैश्विक व्यापार पर असर पड़ेगा।
📌 विशेषज्ञों के अनुसार, इस टैरिफ वॉर से अमेरिका में वस्तुओं की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे आम उपभोक्ता प्रभावित होंगे।
📢 क्या भारत इस टैरिफ वॉर का फायदा उठा सकता है?
✅ “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” जैसी योजनाओं से भारत को फायदा हो सकता है।
✅ भारतीय निर्यातकों को अमेरिकी बाजार में अधिक मौके मिल सकते हैं।
✅ भारत को ट्रम्प की भविष्य की नीतियों को ध्यान में रखकर रणनीति बनानी होगी।
🔹 निम्न प्रश्नों पर आपका क्या मत है,💬 कॉमेन्ट कर के बताएं
📌 “How will Trump’s tariff affect India’s economy?”
📌 “क्या ट्रम्प के नए टैरिफ से भारत को फायदा होगा?”
📌 “Impact of US-China trade war on Indian businesses”
📌 “भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों पर ट्रम्प नीति का प्रभाव”
📌 “Trump’s tariff war: Will India benefit from China’s loss?”
📢 आपकी राय?
क्या मोदी-ट्रम्प की दोस्ती भारत को टैरिफ वॉर से बचा पाई? या यह सिर्फ एक रणनीतिक संयोग था? 💬 कमेंट में बताएं!

दीपक चौधरी एक अनुभवी संपादक हैं, जिन्हें पत्रकारिता में चार वर्षों का अनुभव है। वे राजनीतिक घटनाओं के विश्लेषण में विशेष दक्षता रखते हैं। उनकी लेखनी गहरी अंतर्दृष्टि और तथ्यों पर आधारित होती है, जिससे वे पाठकों को सूचित और जागरूक करते हैं।