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Toggle🌤️❄️ मौसम में बदलाव: सेहत का देखभाल कैसे करें?
जब सर्दी से गर्मी का संक्रमण काल शुरू होता है, तो हमारे शरीर को नए वातावरण के अनुसार ढलने में समय लगता है। दिन में गर्मी और रात में हल्की ठंडक के इस बदलाव के कारण सर्दी-जुकाम, बुखार, वायरल संक्रमण जैसी समस्याएँ बढ़ जाती हैं।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!“बदलते मौसम में सबसे अधिक खतरा वायरल इंफेक्शन और श्वसन संबंधी बीमारियों का होता है। तापमान में उतार-चढ़ाव से शरीर की इम्यूनिटी प्रभावित होती है, जिससे लोग जल्दी बीमार पड़ सकते हैं।” – डॉ. सौरभ आनंद, ईएनटी विशेषज्ञ, एम्स दिल्ली
👉 उत्तर भारत में इसका ज्यादा असर होता है, क्योंकि इस समय यहाँ रात और दिन के तापमान में काफी अंतर होता है ।
- एम्स, दिल्ली के एक वरिष्ठ चिकित्सक बताते हैं कि इस मौसम में अस्पतालों में वायरल संक्रमण और फ्लू के मरीजों की संख्या 30-40% तक बढ़ जाती है।
- एमजीएम अस्पताल, जमशेदपुर के डॉ. बलराम झा बताते हैं, “सुबह और शाम की ठंडक के कारण वायरल बुखार, सर्दी और सांस की तकलीफ के मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है।”
- इटावा के जिला अस्पताल में आम दिनों की तुलना में ओपीडी में 300-400 अधिक मरीज आ रहे हैं, जिनमें अधिकतर सर्दी-खांसी, एलर्जी और बुखार से पीड़ित हैं।

🦠 बदलते मौसम का स्वास्थ्य पर प्रभाव
1️⃣ वायरल संक्रमण और सर्दी-जुकाम
इस समय बैक्टीरिया और वायरस अधिक सक्रिय हो जाते हैं। इससे खांसी, गले में खराश, नाक बहना और बुखार जैसी समस्याएँ आम हो जाती हैं।
👉 “जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, वे इस संक्रमण के जल्दी शिकार हो सकते हैं। खासकर छोटे बच्चे और बुजुर्गों को ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए।” – डॉ. हेमा मालती रथ, न्यूट्रीशनिस्ट, वुडलैंड अस्पताल, कोलकाता
2️⃣ इम्यूनिटी पर असर
आयुर्वेद के अनुसार ऋतु संधि (दो ऋतुओं के मिलन का समय) में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।
👉 “इस दौरान खानपान में बदलाव करना बेहद जरूरी है। हल्का और सुपाच्य भोजन लें, हरी सब्जियाँ और मौसमी फल आहार में शामिल करें।” – डॉ. चंद्रशेखर, आयुर्वेद विशेषज्ञ
3️⃣ एलर्जी और अस्थमा
धूल, परागकण और ठंडी हवा से अस्थमा के मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है।
👉 “हमने देखा है कि बदलते मौसम में अस्थमा और एलर्जी के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। इन्हें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, जैसे घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनना और ठंड से बचाव करना।” – डॉ. दीपक गुप्ता, चेस्ट स्पेशलिस्ट
4️⃣ जोड़ों का दर्द और हड्डी की समस्याएँ
बुजुर्गों में गठिया और जोड़ों के दर्द की समस्या बढ़ जाती है।
👉 “ठंड के शुरुआती दिनों में ही लोग गठिया और जोड़ों के दर्द की शिकायत करने लगते हैं। नियमित व्यायाम और गर्म तेल की मालिश से राहत मिल सकती है।” – डॉ. मनीष अरोड़ा, ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ
🍲 खान-पान में ज़रूरी बदलाव
बदलते मौसम में संतुलित आहार और सही पोषण हमारे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने में मदद करता है।
👉 डॉ. हेमा मालती रथ बताती हैं: “हरी सब्जियाँ, खट्टे फल, सूखे मेवे, अदरक और हल्दी का सेवन इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है।”
🔹 गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थ: सूखे मेवे, तिल, गुड़, गोंद के लड्डू
🔹 विटामिन-C युक्त फल: संतरा, मौसम्बी, नींबू, आंवला
🔹 प्राकृतिक एंटीबायोटिक्स: लहसुन, अदरक, शहद
🔹 गर्म तरल पदार्थ: सूप, काढ़ा, हर्बल चाय
👉 क्या न करें?
❌ “ठंडे पेय, आइसक्रीम, ज्यादा तैलीय और मसालेदार भोजन से बचें, क्योंकि इससे सर्दी-जुकाम बढ़ सकता है।” – डॉ. रेखा मिश्रा, जनरल फिजीशियन
👶🏻🧓 बच्चों और बुजुर्गों की खास देखभाल
बदलते मौसम में छोटे बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
👉 डॉ. चंद्रशेखर (आयुर्वेद विशेषज्ञ) सलाह देते हैं:
- बच्चों को ठंडी चीज़ें जैसे आइसक्रीम और केला न दें, क्योंकि ये कफ बढ़ाती हैं।
- बुजुर्गों को अदरक-शहद, हल्दी-दूध और गुनगुना पानी पीने की आदत डालनी चाहिए।
- बच्चों को बहुत अधिक खुली ठंडी हवा में न रखें और हल्के गर्म कपड़ों की लेयरिंग करें।
👉 डॉ. मनीष अरोड़ा (ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ) कहते हैं:
“बुजुर्गों को घुटनों और पीठ में दर्द की समस्या अधिक होती है, इसलिए ठंड से बचाव और हल्की एक्सरसाइज करना बहुत ज़रूरी है।”
🌿 घरेलू नुस्खे और आयुर्वेदिक उपाय
आयुर्वेद और घरेलू नुस्खे इस मौसम में सेहतमंद रहने का सबसे सरल तरीका हैं।
✅ तुलसी-अदरक का काढ़ा: “तुलसी और अदरक का काढ़ा सर्दी-जुकाम में बेहद फायदेमंद होता है।” – डॉ. श्रेय शर्मा, आयुर्वेद विशेषज्ञ
✅ हल्दी वाला दूध: “रात को हल्दी-दूध पीने से इम्यूनिटी मजबूत होती है।”
✅ नमक के पानी से गरारे: “गले की खराश और सूजन में सबसे असरदार घरेलू उपाय।”
✅ मुलेठी का काढ़ा: “मुलेठी में बलगम साफ करने वाले तत्व होते हैं, जिससे गला ठीक होता है।”
✅ सरसों के तेल की मालिश: “सरसों के तेल में लहसुन और अजवायन डालकर मालिश करने से सर्दी में आराम मिलता है।”
बदलते मौसम में इम्यूनिटी मजबूत करने और शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए योग बेहद फायदेमंद होता है।
1️⃣ अनुलोम-विलोम प्राणायाम – यह श्वसन तंत्र को मजबूत करता है और फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ाता है।
2️⃣ कपालभाति प्राणायाम – यह शरीर को डिटॉक्स करता है और सर्दी-खांसी से बचाव में मदद करता है।
3️⃣ भस्त्रिका प्राणायाम – यह फेफड़ों की सफाई कर सांस संबंधी बीमारियों को दूर करता है।
4️⃣ ताड़ासन – यह रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है और शरीर में लचीलापन बढ़ाता है।
5️⃣ भुजंगासन – यह पीठ और फेफड़ों को मजबूत करता है और सांस लेने की क्षमता बढ़ाता है।
6️⃣ वज्रासन – यह पाचन को सुधारता है और ठंड से होने वाली गैस्ट्रिक समस्याओं को कम करता है।
7️⃣ सूर्य नमस्कार – पूरे शरीर की एक्सरसाइज करने के लिए सबसे अच्छा योगासन है, जो रक्त संचार सुधारता है।
रोज़ 20-30 मिनट योग करने से शरीर को मौसम के अनुकूल बनाए रखा जा सकता है। 🧘♂️✨
🏥 विशेषज्ञों की सलाह
👉 डॉ. सौरभ आनंद (एम्स, दिल्ली) कहते हैं:
“बदलते मौसम में अचानक गर्मी से ठंड में जाने से बचें, पंखे या एसी का तापमान संतुलित रखें और ज्यादा ठंडी चीज़ों से परहेज करें।”
👉 डॉ. बलराम झा (एमजीएम अस्पताल) का कहना है:
“बुखार, खांसी या सांस लेने में दिक्कत हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें, घरेलू इलाज में देरी न करें।”
👉 डॉ. हेमा मालती रथ (वुडलैंड अस्पताल) बताती हैं:
“प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हरी सब्जियाँ, विटामिन-C युक्त फल और हल्दी-दूध का सेवन करें।”
👉 डॉ. चंद्रशेखर (आयुर्वेद विशेषज्ञ) सलाह देते हैं:
“आयुर्वेद के अनुसार ऋतु संधि काल में हल्का और सुपाच्य भोजन करें, तैलीय और ठंडी चीज़ों से बचें।”
🔥 निष्कर्ष
बदलते मौसम में सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। थोड़ी सी सावधानी और सही जीवनशैली अपनाकर हम इस मौसम के प्रभावों से बच सकते हैं।
✅ खुद भी स्वस्थ रहें और अपने परिवार को भी स्वस्थ रखें! 😊अगर कोई प्रश्न हो तो कॉमेंट कर के पूछना न भूलें .
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