Breaking News- Kolkata Hotel Fire: कोलकाता के होटल में लगी भयानक आग ,14 लोगों की दर्दनाक मौत

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कोलकाता के फालपट्टी मछुआ इलाके में होटल में भीषण आग: 14 लोगों की मौत, कई घायल

Breaking News Kolkata Hotel Fire – कोलकाता, 30 अप्रैल 2025: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के व्यस्ततम बड़ाबाजार क्षेत्र में स्थित फालपट्टी मछुआ इलाके के ऋतुराज होटल में मंगलवार, 29 अप्रैल 2025 की रात करीब 8:15 बजे भीषण आग लगने की घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। इस दुखद हादसे में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। आग की लपटें इतनी भयावह थीं कि वे कई किलोमीटर दूर से दिखाई दे रही थीं, और होटल में फंसे लोगों को बचाने के लिए दमकल विभाग और पुलिस को कई घंटों तक कड़ा संघर्ष करना पड़ा। इस घटना ने अग्नि सुरक्षा उपायों और शहर के पुराने व्यावसायिक भवनों की संरचना पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

घटना का विवरण

कोलकाता पुलिस कमिश्नर मनोज वर्मा के अनुसार, आग ऋतुराज होटल की रसोई में शुरू हुई, जो देखते ही देखते पहली मंजिल से तीसरी मंजिल तक फैल गई। यह छह मंजिला होटल बड़ाबाजार के जोड़ासांको थाना क्षेत्र में मदन मोहन बर्मन स्ट्रीट पर स्थित है, जो फालपट्टी मछुआ के पास एक भीड़भाड़ वाला इलाका है। स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग की लपटें इतनी तेजी से फैलीं कि होटल में मौजूद मेहमानों और कर्मचारियों को बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिला। कई लोग मोबाइल फ्लैशलाइट जलाकर मदद के लिए संकेत दे रहे थे, जबकि कुछ ने जान बचाने के लिए होटल की बालकनी या खिड़कियों से छलांग लगा दी

आग की सूचना मिलते ही दमकल विभाग की 10 से अधिक गाड़ियां तुरंत मौके पर पहुंचीं और बचाव कार्य शुरू किया। कोलकाता के मेयर फिरहाद हाकिम, पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा, डीसी नॉर्थ दीपक सरकार और डीसी सेंट्रल इंदिरा मुखर्जी भी घटनास्थल पर पहुंचे। दमकल कर्मियों ने सीढ़ियों और रस्सियों के सहारे तीसरी मंजिल पर फंसे लोगों को बचाने की कोशिश की, लेकिन धुएं और गर्मी के कारण बचाव कार्य में काफी मुश्किलें आईं।

हताहत और बचाव कार्य

पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस हादसे में 14 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। मृतकों में से एक की पहचान संजय पासवान के रूप में हुई है, जिन्होंने जान बचाने के लिए होटल की बालकनी से छलांग लगाई थी, लेकिन गंभीर चोटों के कारण उनकी मौत हो गई। एक अन्य व्यक्ति, मनोज पासवान (40), की भी इस हादसे में मृत्यु हुई, जिस पर राज्य भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय राज्यमंत्री सुकांत मजूमदार ने गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “कोलकाता के बड़ाबाजार के मछुआ इलाके में एक होटल में लगी भीषण आग में एक साथी नागरिक की दुखद मौत से मैं बहुत दुखी हूँ। मैं उनके परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।”

घायलों को तुरंत कोलकाता मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है। दमकल विभाग ने बताया कि होटल में फंसे कई लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया, लेकिन कुछ लोग अभी भी लापता हैं, और उनके लिए तलाशी अभियान जारी है। कोलकाता पुलिस की डीएमजी टीम भी बचाव कार्य में सक्रिय रूप से शामिल रही और स्थानीय लोगों को छलांग न लगाने की अपील की ताकि और जानमाल का नुकसान न हो।

आग लगने का संभावित कारण

आग लगने के सटीक कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को इसका मुख्य कारण माना जा रहा है। एक दमकल अधिकारी ने बताया, “हमें संदेह है कि होटल की रसोई में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी होगी, जो तेजी से पूरे भवन में फैल गई।” उन्होंने यह भी बताया कि होटल की पुरानी संरचना और संकरी गलियों ने आग बुझाने के कार्य को और जटिल बना दिया।

इसके अलावा, कुछ स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि होटल में अग्नि सुरक्षा उपायों की कमी थी, जैसे कि अग्निशामक यंत्र, आपातकालीन निकास और स्प्रिंकलर सिस्टम। यह पहली बार नहीं है जब कोलकाता में इस तरह की घटना हुई है। इससे पहले भी शहर के कई व्यावसायिक भवनों में आग लगने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिसके बाद अग्नि सुरक्षा नियमों को और सख्त करने की मांग उठती रही है।

सरकारी और राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस घटना ने न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। मेयर फिरहाद हाकिम ने घटनास्थल का दौरा करने के बाद कहा, “हमारी प्राथमिकता फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालना और घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करना है। हम इस घटना की गहन जांच करेंगे ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी को रोका जा सके।”

राज्य भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने राज्य प्रशासन से प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता प्रदान करने और अग्नि सुरक्षा उपायों की समीक्षा करने की अपील की। उन्होंने कहा, “ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं, और यह चिंता का विषय है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी व्यावसायिक भवनों में अग्नि सुरक्षा के मानक लागू हों।”

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई। उन्होंने ट्वीट किया, “कोलकाता के होटल में लगी आग की घटना अत्यंत दुखद है। मैं मृतकों के परिवारों के साथ हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं। प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि पीड़ितों को हर संभव सहायता प्रदान की जाए।”

अग्नि सुरक्षा पर उठते सवाल

यह घटना एक बार फिर कोलकाता के पुराने व्यावसायिक भवनों में अग्नि सुरक्षा की कमी को उजागर करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि शहर के कई होटल, रेस्तरां और गोदामों में अग्नि सुरक्षा उपायों का अभाव है, और नियमों का पालन नहीं किया जाता। एक अग्नि सुरक्षा विशेषज्ञ ने बताया, “कोलकाता जैसे घनी आबादी वाले शहर में, जहां पुरानी इमारतें और संकरी गलियां आम हैं, अग्नि सुरक्षा को प्राथमिकता देना जरूरी है। नियमित निरीक्षण और कड़े नियम लागू किए बिना ऐसी घटनाओं को रोकना मुश्किल है।”

पिछले कुछ वर्षों में कोलकाता में कई बड़ी आग की घटनाएं हुई हैं, जिनमें साल्ट लेक के झुपड़ी बाजार में आग (2023), निमतला में लकड़ी की दुकान में आग (2024), और सियालदह ESI अस्पताल में आग (2024) शामिल हैं। इन घटनाओं ने शहर में अग्नि सुरक्षा नियमों की आवश्यकता को बार-बार रेखांकित किया है।

आगे की जांच और कार्रवाई

कोलकाता पुलिस और दमकल विभाग ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है। एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है, जो आग लगने के कारणों, होटल में सुरक्षा उपायों की स्थिति, और इस हादसे के लिए जिम्मेदार कारकों का पता लगाएगा। पुलिस ने होटल के मालिक और प्रबंधन से पूछताछ शुरू कर दी है, और यह जांच की जा रही है कि क्या होटल के पास वैध अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र (फायर एनओसी) था।

स्थानीय प्रशासन ने मृतकों के परिवारों को मुआवजे की घोषणा की है, और घायलों के इलाज के लिए विशेष चिकित्सा व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, शहर के अन्य होटलों और व्यावसायिक भवनों में अग्नि सुरक्षा ऑडिट शुरू करने की योजना बनाई जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

निष्कर्ष

कोलकाता के फालपट्टी मछुआ इलाके में ऋतुराज होटल में लगी आग की यह घटना न केवल एक त्रासदी है, बल्कि शहर के अग्नि सुरक्षा ढांचे की कमियों को भी उजागर करती है। इस हादसे ने 14 परिवारों को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है और कई लोगों के जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया है। यह जरूरी है कि प्रशासन इस घटना से सबक ले और अग्नि सुरक्षा नियमों को सख्ती से लागू करे। साथ ही, आम नागरिकों को भी अग्नि सुरक्षा के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

अस्वीकरण: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से लिखा गया है और इसमें दी गई जानकारी विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है। पाठकों से अनुरोध है कि वे किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले आधिकारिक बयानों और जांच रिपोर्ट की प्रतीक्षा करें।

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