ट्रम्प प्रशासन के तहत क्वाड की पहली बैठक: चीन को दी सख्त चेतावनी

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने अपने पहले दिन क्वाड देशों—ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान—के विदेश मंत्रियों से वाशिंगटन में मुलाकात की। इस बैठक में चारों देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में यथास्थिति को बलपूर्वक बदलने के खिलाफ संयुक्त रूप से चेतावनी दी, जो चीन की समुद्री गतिविधियों पर स्पष्ट इशारा था।
क्वाड देशों की संयुक्त प्रतिबद्धता
बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया, “हम एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मजबूत करने के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं, जहां कानून का शासन, लोकतांत्रिक मूल्य, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और रक्षा की जाती है। हम बल या दबाव के माध्यम से यथास्थिति को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास का विरोध करते हैं,” बयान में कहा गया, जो चीन की ताइवान और दक्षिण चीन सागर में गतिविधियों पर स्पष्ट संकेत था।
क्वाड शिखर सम्मेलन की योजना
विदेश मंत्रियों ने भारत में इस वर्ष के लिए निर्धारित क्वाड शिखर सम्मेलन को आयोजित करने की योजना की पुष्टि की।यह कदम ट्रम्प प्रशासन के तहत चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए क्वाड देशों की सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
चीन की प्रतिक्रिया
चीन ने क्वाड को एक “शीत युद्ध” संरचना करार देते हुए कहा है कि यह क्षेत्रीय तनाव बढ़ा सकता है। हालांकि, क्वाड देशों ने अपने बयान में क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बनाए रखने के लिए अपने सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
निष्कर्ष
ट्रम्प प्रशासन के तहत क्वाड की पहली बैठक में चीन को स्पष्ट संदेश दिया गया है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में यथास्थिति को बलपूर्वक बदलने के प्रयासों का संयुक्त रूप से विरोध किया जाएगा। यह कदम क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए क्वाड देशों की सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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दीपक चौधरी एक अनुभवी संपादक हैं, जिन्हें पत्रकारिता में चार वर्षों का अनुभव है। वे राजनीतिक घटनाओं के विश्लेषण में विशेष दक्षता रखते हैं। उनकी लेखनी गहरी अंतर्दृष्टि और तथ्यों पर आधारित होती है, जिससे वे पाठकों को सूचित और जागरूक करते हैं।