Pak Army At Chicken Neck: भारत की चिंता बढ़ी

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भारत के चिकन नेक के पास पहुंची पाकिस्तानी सेना, वही हो रहा है जिसका दर था। 

पाकिस्तानी सेना ने बांग्लादेश के रंगपुर जिले का दौरा किया
पाकिस्तानी सेना ने बांग्लादेश के रंगपुर जिले का दौरा किया

 

भारत और बांग्लादेश के बीच बढ़ते सीमा तनाव में अब पाकिस्तान की एंट्री हो गई है। पाकिस्तान की सेना और आईएसआई के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में बांग्लादेश के रंगपुर जिले का दौरा किया है, जो भारत के सिलिगुड़ी कॉरिडोर (चिकन नेक) के नजदीक स्थित है। इस दौरे से भारत की चिंताएं बढ़ गई हैं।

चिकन नेक क्या है?

सिलीगुड़ी कॉरिडोर, जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है
सिलीगुड़ी कॉरिडोर, जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है

 

 

सिलीगुड़ी कॉरिडोर, जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है, भारत के पश्चिम बंगाल में स्थित एक संकरी भूमि पट्टी है। यह पूर्वोत्तर राज्यों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है और नेपाल, भूटान, और बांग्लादेश की सीमाओं के पास स्थित है। यह भू-राजनीतिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, और मेघालय राज्यों को जोड़ता है।

पाकिस्तानी सेना का रंगपुर दौरा

पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के वरिष्ठ अधिकारियों की एक चार सदस्यीय टीम ने 21 जनवरी को बांग्लादेश के रंगपुर जिले का गुप्त दौरा किया। इस यात्रा का उद्देश्य पाकिस्तान और बांग्लादेश के सैन्य संबंधों को मजबूत करना था। पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों को बांग्लादेशी सेना के हेलीकॉप्टर से रंगपुर ले जाया गया, और इसके बाद वे संवेदनशील चटगांव हिल ट्रैक्ट्स के लिए रवाना हुए।

पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल में कौन था शामिल?

रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल में आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद असीम मलिक, मेजर जनरल शाहिद आमिर अफसर, मेजर जनरल आलम आमिर अवान और मुहम्मद उस्मान जतीफ शामिल थे। इस यात्रा से भारत की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि यह क्षेत्र चीन की नजरों में भी है।

चीन से बढ़ रही बांग्लादेश की दोस्ती

पाकिस्तान और बांग्लादेश के बढ़ते सैन्य संबंधों के बीच बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने हाल ही में चीन की यात्रा की। यहां उन्होंने विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की और दोनों देशों ने आपसी संबंधों को मजबूत करने पर सहमति जताई। बांग्लादेश की यह यात्रा भारत के लिए चिंताजनक हो सकती है, क्योंकि चीन का प्रभाव बांग्लादेश पर लगातार बढ़ रहा है।

 

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