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Toggleटीशर्ट और मफलर के बीच ‘जंग’! संबित पात्रा का विपक्ष पर तंज, दिल्ली चुनाव से क्या है कनेक्शन?
बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने एक बार फिर अपनी हाजिरजवाबी और चुटीले अंदाज में विपक्ष पर करारा हमला बोला। संसद में बजट चर्चा के दौरान उन्होंने राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल का नाम लिए बिना उनकी राजनीति पर कटाक्ष किया। दिल्ली चुनाव के मद्देनज़र उन्होंने इंडी अलायंस की खींचतान पर तंज कसते हुए इसे “टीशर्ट और मफलर की लड़ाई” बताया।

संबित पात्रा ने क्या कहा?
संसद में बोलते हुए ओडिशा के पुरी से बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा:
“दिल्ली में एक अजीबोगरीब राजनीति चल रही है। कल दिल्ली का चुनाव है और इंडी अलायंस की हालत बहुत ही भ्रमित करने वाली है। अब नाम लेना मना है, लेकिन बिना नाम लिए समझ लीजिए – ये दिल्ली में ‘टीशर्ट और मफलर’ की लड़ाई चल रही है।”
यह सुनकर सदन में ठहाके लगने लगे। सभी को यह समझते देर नहीं लगी कि टीशर्ट से उनका इशारा राहुल गांधी की ओर था, जो अक्सर बिना बाजू की टीशर्ट में नजर आते हैं। वहीं, मफलर का संबंध दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से था, जो सर्दियों में अपने ट्रेडमार्क मफलर लपेटे दिखते हैं।
राहुल गांधी पर हमला – शीशमहल और शराब घोटाले का जिक्र
संबित पात्रा ने दिल्ली के पटपड़गंज में दिए गए एक बयान का हवाला देते हुए कहा कि “टीशर्ट” (राहुल गांधी) ने कहा था कि “मफलर (केजरीवाल) ने एक नई तरह की राजनीति की बात की थी, लेकिन अब शीशमहल में रहते हैं और शराब घोटाले में फंसे हैं।”
यह बयान सीधे तौर पर आम आदमी पार्टी (AAP) पर लगे दिल्ली शराब घोटाले से जुड़ा था, जिसमें कई नेताओं का नाम सामने आया है। बीजेपी इस मुद्दे को लगातार चुनावों में उठाती रही है, और पात्रा ने इसे संसद में भी उछाल दिया।
मफलर का जवाब – टीशर्ट और जीजाजी पर तंज
संबित पात्रा ने आगे बताया कि इस आरोप का जवाब भी आया। उन्होंने कहा कि “मफलर (केजरीवाल) की ओर से जवाब आया कि टीशर्ट और उसके जीजाजी (रॉबर्ट वाड्रा) जेल से बाहर कैसे हैं? दोनों को नेशनल हेराल्ड केस में जेल में होना चाहिए।”
यह बयान कांग्रेस के लिए और भी मुश्किल खड़ी करने वाला था, क्योंकि राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर नेशनल हेराल्ड केस को लेकर पहले से ही भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं।
इंडी अलायंस पर बड़ा हमला – ‘चाइनीज नूडल्स की तरह उलझा’
संबित पात्रा ने विपक्षी गठबंधन इंडी अलायंस पर भी करारा प्रहार किया। उन्होंने कहा:
“इंडी अलायंस की हालत चाइनीज नूडल्स जैसी हो गई है – न कोई शुरुआत समझ आ रही है, न कोई अंत। कौन किसका दोस्त है, कौन किससे नाराज है, यह सिर्फ वे ही जानते हैं।”
यह टिप्पणी विपक्षी दलों के भीतर चल रही आपसी कलह की ओर इशारा करती थी। दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के रिश्ते हमेशा से ही तनावपूर्ण रहे हैं। कई मौकों पर आम आदमी पार्टी कांग्रेस को निशाना बनाती रही है, वहीं कांग्रेस भी खुद को आप से अलग बताने की कोशिश करती रही है।
बीजेपी का बड़ा संदेश – ‘इंडी अलायंस में टूट तय है’
संबित पात्रा के इस व्यंग्यात्मक भाषण से यह साफ हो गया कि बीजेपी विपक्षी गठबंधन को अस्थिर और अविश्वसनीय बताने की रणनीति पर काम कर रही है।
🔹 दिल्ली चुनाव में बीजेपी पूरी ताकत झोंक रही है, और पात्रा का यह बयान उसी अभियान का हिस्सा माना जा सकता है।
🔹 इंडी अलायंस के अंदर दरारें दिखाकर बीजेपी मतदाताओं को यह संदेश देना चाहती है कि यह गठबंधन सिर्फ सत्ता के लिए बना है, न कि जनता की भलाई के लिए।
🔹 केजरीवाल और राहुल गांधी की राजनीति पर एकसाथ हमला करके बीजेपी ने साफ कर दिया कि वह विपक्षी दलों के अंतर्विरोधों को चुनावी मुद्दा बनाएगी।
क्या है दिल्ली चुनाव में मफलर और टीशर्ट का असली कनेक्शन?
दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने गठबंधन किया है, लेकिन जमीनी स्तर पर इनके कार्यकर्ताओं में तालमेल की कमी साफ देखी जा रही है।
▶ आम आदमी पार्टी के नेता कांग्रेस को कमजोर पार्टी मानते हैं।
▶ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को केजरीवाल की नीतियों पर भरोसा नहीं है।
▶ दोनों पार्टियां बीजेपी को हराने के लिए साथ आई हैं, लेकिन उनके बीच भरोसे की भारी कमी है।
यही वजह है कि बीजेपी लगातार इस गठबंधन की कमियों को उजागर कर रही है।
निष्कर्ष: क्या यह बीजेपी की चुनावी रणनीति का हिस्सा है?
संबित पात्रा के इस बयान को हल्के में नहीं लिया जा सकता।
✅ यह साफ है कि बीजेपी विपक्ष की कमजोरी को भुनाना चाहती है।
✅ राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल के बीच के मतभेदों को मज़ाकिया अंदाज में जनता तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
✅ दिल्ली चुनाव में बीजेपी की यह रणनीति विपक्ष को अस्थिर और कमजोर दिखाने पर केंद्रित है।
अब देखना होगा कि इंडी अलायंस इस व्यंग्यात्मक हमले का जवाब कैसे देता है और क्या यह बयान बीजेपी को दिल्ली में फायदा पहुंचाएगा। 🚀
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दीपक चौधरी एक अनुभवी संपादक हैं, जिन्हें पत्रकारिता में चार वर्षों का अनुभव है। वे राजनीतिक घटनाओं के विश्लेषण में विशेष दक्षता रखते हैं। उनकी लेखनी गहरी अंतर्दृष्टि और तथ्यों पर आधारित होती है, जिससे वे पाठकों को सूचित और जागरूक करते हैं।