“मध्यम वर्ग को कर राहत: ‘मैं और अधिक करना चाहती हूं'”

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

‘मैं और अधिक करना चाहती हूं, लेकिन…’: भारत के मध्यम वर्ग को कर राहत पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में मध्यम वर्ग के करदाताओं को राहत देने के अपने इरादे स्पष्ट किए। टाइम्स नाउ को दिए साक्षात्कार में उन्होंने मध्यम वर्ग के सामने मौजूद वित्तीय चुनौतियों को संबोधित किया और इस वर्ग की मदद के लिए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि सरकार की कराधान नीति की सीमाएं हैं, जो उन्हें हर संभावित बदलाव को लागू करने से रोकती हैं।

मध्यम वर्ग की चिंताएं और सरकार की पहल

मध्यम वर्ग, विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में, लंबे समय से बढ़ती जीवन-यापन लागत और उच्च करदाताओं के दबाव का सामना कर रहा है। इस पृष्ठभूमि में, सीतारमण ने कहा,
“मैं मध्यम वर्ग को राहत देने के मुद्दे का सम्मान करती हूं। मैं और अधिक करना चाहती हूं, लेकिन कराधान में सीमाएं हैं।”

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पिछले बजट में वेतनभोगी करदाताओं के लिए मानक कटौती को ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000 कर दिया गया। इसके साथ ही संशोधित कर स्लैब में बदलाव करके उन्होंने न केवल मध्यम वर्ग बल्कि उच्च आय वर्ग के लिए भी राहत के उपाय सुनिश्चित किए हैं।

2024 बजट में संभावित परिवर्तन

सरकार कथित तौर पर सालाना ₹15 लाख तक की आय वाले करदाताओं को बड़ी राहत देने के लिए आयकर संरचना में व्यापक सुधारों पर विचार कर रही है।

  • मौजूदा कर व्यवस्था के तहत, ₹3 लाख से ₹15 लाख की आय पर 5% से 20% कर लागू होता है। ₹15 लाख से अधिक आय पर 30% कर लगाया जाता है।
  • अगर प्रस्तावित कटौती लागू होती है, तो यह मध्यम और उच्च आय वर्ग दोनों को लाभान्वित करेगी।

लक्ष्य: उपभोग को बढ़ावा देना

यह कदम ऐसे समय में उठाया जा रहा है, जब भारत उच्च मुद्रास्फीति और धीमी आर्थिक वृद्धि का सामना कर रहा है। कर कटौती से लोगों के हाथ में अधिक पैसा आएगा, जिससे उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा और आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा।

सरकार की अन्य पहलें

इसके अलावा, सीतारमण ने शिक्षा और आवास के क्षेत्र में सरकार की पहलों को भी रेखांकित किया:

  1. छात्र ऋण पर राहत: ₹10 लाख तक के छात्र ऋण पर ब्याज में छूट।
  2. किफायती आवास को प्रोत्साहन: यह न केवल परिवारों के लिए सहायक होगा बल्कि रियल एस्टेट और निर्माण क्षेत्र को भी मजबूती देगा।

मध्यम वर्ग के लिए क्या है आगे?

सीतारमण का यह बयान मध्यम वर्ग के लिए सकारात्मक संकेत देता है। हालांकि, यह देखना बाकी है कि आगामी बजट में सरकार इन सुधारों को किस हद तक लागू करती है। सरकार को संतुलन बनाना होगा ताकि कर राहत दी जा सके, लेकिन राजस्व की क्षति से बचा जा सके।

आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि करदाताओं की जेब में अधिक पैसा आने से घरेलू खपत में सुधार होगा, जो आर्थिक पुनरुत्थान के लिए आवश्यक है। ऐसे में, मध्यम वर्ग को राहत देने के ये प्रस्ताव एक बड़ी आर्थिक रणनीति का हिस्सा लगते हैं, जिसका उद्देश्य देश की समग्र आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें