Donald Trump का टैरिफ वार : चीन पर 34%, पाक पर 29%? भारत पर कितना?

Donald Trump Tarrif War

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

Donald Trump का टैरिफ बम: भारत पर कितना ? 10 पॉइंट में समझें US का ट्रेड वार

3 अप्रैल 2025, नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump ने एक बार फिर दुनिया को चौंका दिया है। 2 अप्रैल को व्हाइट हाउस के रोज गार्डन से उन्होंने अपने बहुप्रतीक्षित “लिबरेशन डे” की घोषणा की और इसके साथ ही दुनियाभर के देशों पर “रेसिप्रोकल टैरिफ” (प्रतिशोधी शुल्क) का ऐलान कर दिया।
भारत पर 26% टैरिफ की मार पड़ी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों पर कितना जख्म लगा? ट्रंप ने इसे अमेरिकी अर्थव्यवस्था की “आजादी का दिन” करार दिया, मगर ये कदम वैश्विक ट्रेड वॉर की आग को और भड़काने वाला साबित हो सकता है। आइए, इसे 10 पॉइंट में आसान और रोचक तरीके से समझते हैं।

Donald Trump का टैरिफ वार
Donald Trump का टैरिफ वार

 

Donald Trump का “लिबरेशन डे” और टैरिफ का धमाका

Donald Trump ने 2 अप्रैल 2025 को व्हाइट हाउस से जोरदार भाषण दिया। उनके शब्द थे, “ये वो दिन है जब अमेरिकी उद्योग फिर से जन्म लेगा।” इस मौके पर उन्होंने 180 से ज्यादा देशों पर टैरिफ की लिस्ट जारी की। भारत पर 26% टैरिफ लगा, जिसे ट्रंप ने “डिस्काउंटेड” बताया। लेकिन सवाल ये है कि क्या ये वाकई डिस्काउंट है या भारत के लिए एक छिपा हुआ झटका? The Times of India के मुताबिक, ट्रंप ने इसे “काइंड रेसिप्रोकल” टैरिफ कहा, यानी वो और सख्त भी हो सकते थे।

भारत पर 26%: दोस्ती के बावजूद सजा?

Donald Trump ने भारत को “टैरिफ का बादशाह” कहकर तंज कसा और दावा किया कि भारत अमेरिकी सामानों पर 52% तक टैरिफ लगाता है। जवाब में उन्होंने भारत से आने वाले सामानों पर 26% टैरिफ ठोंक दिया। लेकिन मजेदार बात ये है कि ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी को “ग्रेट फ्रेंड” भी कहा। Hindustan Times की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने इसे “हाफ डिस्काउंट” का तोहफा बताया। अब सवाल ये है कि क्या ये दोस्ती का इनाम है या फिर छिपी हुई चाल?

 चीन पर 34%: सबसे बड़ा दुश्मन निशाने पर

अगर भारत को डिस्काउंट मिला, तो चीन की हालत पतली हो गई। Donald Trump ने चीन से आने वाले सामानों पर 34% टैरिफ लगा दिया। Reuters के मुताबिक, ट्रंप ने कहा, “चीन हमें लूट रहा है, अब उनकी बारी है।” ये कदम अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर को नई ऊंचाई पर ले जा सकता है। iPhone जैसे प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ने की आशंका भी जताई जा रही है, क्योंकि Apple का ज्यादातर प्रोडक्शन चीन में होता है।

पाकिस्तान पर 29%: पड़ोसी भी नहीं बचा

पाकिस्तान को भी Donald Trump के टैरिफ हथौड़े से राहत नहीं मिली। वहां से आने वाले सामानों पर 29% टैरिफ लगाया गया है। India Today की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान पर ये शुल्क भारत से थोड़ा ज्यादा है, लेकिन बांग्लादेश (37%) और श्रीलंका (44%) की तुलना में कम। ट्रंप ने पड़ोसियों को भी साफ संदेश दे दिया कि अब अमेरिका “लूटने” का खेल खत्म करेगा।

यूरोपियन यूनियन को 20%: सहयोगी भी निशाने पर

Donald Trump ने अपने सहयोगियों को भी नहीं बख्शा। यूरोपियन यूनियन (EU) से आने वाले सामानों पर 20% टैरिफ लगाया गया है। The Guardian के मुताबिक, जापान पर 24% और दक्षिण कोरिया पर 25% टैरिफ की मार पड़ी। ट्रंप का कहना है कि ये देश अमेरिका से ज्यादा टैरिफ वसूलते हैं, तो अब बराबरी का खेल होगा। लेकिन क्या ये दोस्ती में दरार डालने वाला कदम साबित होगा?

 सबसे बड़ा झटका: वियतनाम और कंबोडिया की हालत खराब

टैरिफ की इस लिस्ट में सबसे ज्यादा मार वियतनाम (46%) और कंबोडिया (49%) पर पड़ी। Live Mint की रिपोर्ट बताती है कि Donald Trump ने इन देशों को “ट्रेड के सबसे बुरे अपराधी” करार दिया। इन देशों से सस्ते कपड़े और इलेक्ट्रॉनिक्स अमेरिका में खूब आते हैं, लेकिन अब इनकी कीमतें आसमान छू सकती हैं। अमेरिकी ग्राहकों के लिए ये बुरी खबर हो सकती है।

ऑटोमोबाइल पर 25%: कार लवर्स के लिए टेंशन

Donald Trump ने ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को भी नहीं छोड़ा। 3 अप्रैल से अमेरिका में असेंबल न होने वाली सभी विदेशी कारों पर 25% टैरिफ लागू होगा। Yahoo Finance के अनुसार, इसका असर जर्मनी, जापान और कोरिया की कार कंपनियों पर पड़ेगा। अमेरिका में कारों की कीमतें बढ़ने की आशंका से कार लवर्स की नींद उड़ गई है।

 

ट्रंप का दावा: अमेरिका बनेगा “वेल्थी”

Donald Trump ने अपने भाषण में जोर देकर कहा, “ये टैरिफ अमेरिकी इंडस्ट्री को फिर से जिंदा करेंगे और देश को धनवान बनाएंगे।” The New York Times की रिपोर्ट के मुताबिक, उनका मानना है कि ये कदम अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग को बूस्ट देगा। लेकिन एक्सपर्ट्स चेतावनी दे रहे हैं कि इससे ग्लोबल सप्लाई चेन बिगड़ सकती है और महंगाई बढ़ सकती है। क्या ट्रंप का दांव कामयाब होगा या उल्टा पड़ेगा?

भारत की अर्थव्यवस्था पर असर: कितना नुकसान?

भारत के लिए 26% टैरिफ का मतलब क्या है? Business Standard के विश्लेषण के मुताबिक, भारत का अमेरिका सबसे बड़ा एक्सपोर्ट मार्केट है। IT, ऑटोमोबाइल और टेक्सटाइल सेक्टर पर इसका असर पड़ सकता है। हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत की अर्थव्यवस्था इससे ज्यादा प्रभावित नहीं होगी, क्योंकि हमारा एक्सपोर्ट डायवर्सिफाइड है। फिर भी, स्टॉक मार्केट में शुरुआती गिरावट देखी गई।

 

ग्लोबल ट्रेड वॉर की आग: दुनिया की प्रतिक्रिया

Donald Trump के इस कदम से दुनिया भर में हलचल मच गई है। BBC की रिपोर्ट के अनुसार, कई देश जवाबी टैरिफ की तैयारी कर रहे हैं। चीन ने इसे “आर्थिक ब्लैकमेल” करार दिया, तो EU ने “नए ट्रेड नियमों” की बात कही। भारत सरकार ने अभी आधिकारिक बयान नहीं दिया, लेकिन ट्रेड डील की बातचीत तेज होने की उम्मीद है। क्या ये ट्रेड वॉर दुनिया को मंदी की ओर ले जाएगा? ये सवाल हर किसी के मन में है।

ट्रंप का मास्टरस्ट्रोक या जोखिम भरा दांव?

Donald Trump ने अपने इस टैरिफ प्लान को “अमेरिका फर्स्ट” नीति का हिस्सा बताया है। उनका दावा है कि इससे अमेरिकी नौकरियां बढ़ेंगी और घरेलू प्रोडक्शन को बल मिलेगा। लेकिन दूसरी तरफ, एक्सपर्ट्स इसे जोखिम भरा कदम मान रहे हैं। Times Now के मुताबिक, अगर दूसरे देश जवाबी कार्रवाई करते हैं, तो अमेरिकी ग्राहकों को ऊंची कीमतें चुकानी पड़ सकती हैं। साइकिल से लेकर वाइन तक, हर चीज महंगी हो सकती है।

भारत के लिए आगे की राह

भारत के सामने अब चुनौती है कि वो इस टैरिफ का जवाब कैसे देता है। क्या हम अमेरिका के साथ नई ट्रेड डील करेंगे या अपने एक्सपोर्ट मार्केट को और डायवर्सिफाई करेंगे? NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील की बातचीत 2025 के अंत तक हो सकती है। लेकिन तब तक, भारतीय कंपनियों को इस झटके से निपटने के लिए रणनीति बनानी होगी।

भारत के लिए राहत के पॉइंट्स

Donald Trump के 26% टैरिफ से भारत को झटका लगा, लेकिन कुछ राहत की बातें भी हैं। पहला, भारत का टैरिफ अन्य देशों जैसे वियतनाम (46%) और कंबोडिया (49%) से कम है, जिसे ट्रंप ने “डिस्काउंट” बताया। The Times of India के मुताबिक, ये भारत-अमेरिका दोस्ती का नतीजा हो सकता है। दूसरा, भारत का एक्सपोर्ट डायवर्सिफाइड है।
Business Standard की रिपोर्ट कहती है कि अमेरिका के अलावा यूरोप और एशिया के बाजारों से नुकसान की भरपाई हो सकती है। तीसरा, भारत के निर्यात के मुख्य स्रोत  IT और फार्मा सेक्टर पर असर कम होगा, क्योंकि ये सर्विस-बेस्ड हैं। चौथा, NDTV के अनुसार, भारत-अमेरिका ट्रेड डील की बातचीत तेज हो सकती है, जो टैरिफ को कम कर सकती है। कुल मिलाकर, भारत के पास इस चुनौती से निपटने के लिए मजबूत विकल्प मौजूद हैं।

निष्कर्ष: ट्रेड वॉर का नया अध्याय

डोनाल्ड ट्रंप का ये टैरिफ धमाका न सिर्फ अमेरिका, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक टर्निंग पॉइंट हो सकता है। भारत पर 26%, चीन पर 34% और पाकिस्तान पर 29% टैरिफ के साथ ट्रंप ने साफ कर दिया कि वो अपने वादों पर अडिग हैं। लेकिन इस ट्रेड वॉर का असली असर आने वाले महीनों में दिखेगा। क्या ये अमेरिका को “वेल्थी” बनाएगा या ग्लोबल इकॉनमी को अंधेरे में धकेल देगा? जवाब समय ही देगा। तब तक, इस खबर पर नजर रखें और अपनी राय कमेंट में जरूर शेयर करें!

नोट: ये आर्टिकल नवीनतम जानकारी और विश्वसनीय सोर्स पर आधारित है। ताजा अपडेट्स के लिए ऊपर दिए गए हाइपरलिंक्स चेक करें।
दीपक चौधरी एक कुशल लेखक और राजनीतिक विश्लेषक हैं। उनकी राजनीतिक मुद्दों पर गहरी पकड़ है।
 वे समसामयिक विषयों पर रोचक और तथ्यपूर्ण लेखन के लिए जाने जाते हैं।
https://dinsightnews.com/karnataka-muslim-kota-vivad/

और पढ़ें