मेडिकल टूरिज्म की नई मिसाल : अमेरिकी हार्ट सर्जन के हार्ट का अहमदाबाद में ऑपरेशन

Medical Tourism in India

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अमेरिकी हार्ट सर्जन का अहमदाबाद में ऑपरेशन: मेडिकल टूरिज्म की नई मिसाल

अहमदाबाद, भारत में मेडिकल टूरिज्म अब कोई अनजाना शब्द नहीं रहा। यह क्षेत्र पिछले कुछ सालों में तेजी से विकसित हुआ है और वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है। इसी कड़ी में अहमदाबाद के अपेक्स हार्ट इंस्टीट्यूट ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। हाल ही में अमेरिका के पेनसिल्वेनिया से आए मशहूर ट्रॉमा हार्ट सर्जन डॉ. पाल जेसन ग्रेनेट ने अपने दिल का ऑपरेशन यहीं करवाया। यह सर्जरी, जो महज पांच घंटे में पूरी हुई, न सिर्फ एक चिकित्सकीय सफलता थी, बल्कि भारत की स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति बढ़ते भरोसे का प्रतीक भी थी।

डॉ. पाल जेसन ग्रेनेट: एक सर्जन की अपनी सर्जरी की कहानी

डॉ. पाल जेसन ग्रेनेट अमेरिका में हृदय रोगों के विशेषज्ञ के रूप में जाने जाते हैं। एक ट्रॉमा हार्ट सर्जन के तौर पर उनकी पहचान वहां के चिकित्सा क्षेत्र में स्थापित है। लेकिन जब बात अपने स्वास्थ्य की आई, तो उन्होंने अमेरिका की बजाय भारत का रुख किया। अपनी पत्नी रोजमेरी के साथ वे अहमदाबाद के अपेक्स हार्ट हॉस्पिटल पहुंचे। यहां उन्होंने अपनी समस्या डॉ. तेजस पटेल के सामने रखी, जो भारत के सबसे सम्मानित हृदय रोग विशेषज्ञों में से एक हैं। डॉ. तेजस और मुंबई से आए डॉ. एस भट्टाचार्य ने मिलकर उनकी एंडार्टरेक्टामी सर्जरी को अंजाम दिया। यह सर्जरी पांच घंटे तक चली और पूरी तरह सफल रही।

एंडार्टरेक्टामी: एक जटिल प्रक्रिया, बायपास से  कैसे अलग है ? 

एंडार्टरेक्टामी सर्जरी: विस्तृत जानकारी

एंडार्टरेक्टामी (Endarterectomy) एक जटिल हृदय सर्जरी है, जिसमें धमनियों के अंदर जमा प्लाक (वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थ) को सावधानीपूर्वक हटाकर रक्त प्रवाह को बहाल किया जाता है। यह प्रक्रिया विशेष रूप से उन मरीजों के लिए उपयोगी है, जिनकी धमनियों में गंभीर ब्लॉकेज हो और बायपास सर्जरी के लिए पर्याप्त स्वस्थ धमनियाँ उपलब्ध न हों।

सर्जरी की आवश्यकता कब होती है?
एंडार्टरेक्टामी आमतौर पर **कैरोटिड धमनी रोग** (गर्दन की धमनियों में ब्लॉकेज) या **कोरोनरी आर्टरी डिजीज** के गंभीर मामलों में की जाती है। यदि मरीज को स्ट्रोक, हार्ट अटैक, या लगातार सीने में दर्द (एनजाइना) का खतरा हो, तो यह सर्जरी जीवनरक्षक साबित हो सकती है।

पारंपरिक बायपास सर्जरी से अंतर
बायपास सर्जरी में ब्लॉकेज के आसपास नई रक्त वाहिकाएँ जोड़ी जाती हैं, जबकि एंडार्टरेक्टामी में **ब्लॉकेज वाली धमनी को सीधे साफ किया जाता है**। यह दीर्घकालिक समाधान प्रदान करती है, खासकर उन मरीजों के लिए जिनकी धमनियों में बार-बार ब्लॉकेज होने का जोखिम हो।

अमेरिका से भारत क्यों? रोजमेरी ने खोला राज

डॉ. ग्रेनेट की पत्नी रोजमेरी ने इस फैसले के पीछे की वजह साझा की। उन्होंने बताया कि अमेरिका में भी उनके पास ऑपरेशन की सभी सुविधाएं थीं। वहां के डॉक्टर बायपास सर्जरी करने को तैयार थे, लेकिन उससे उन्हें कुछ सालों तक ही राहत मिलती। रोजमेरी ने कहा, “हमें एक ऐसा इलाज चाहिए था, जो जिंदगी भर की समस्या को खत्म कर दे। एंडार्टरेक्टामी इसके लिए सही विकल्प थी।” उनके परिवार ने इस सर्जरी के लिए डॉ. तेजस पटेल पर भरोसा जताया, जिनका नाम मेडिकल क्षेत्र में एक ब्रांड की तरह है। डॉ. तेजस को पद्मश्री, पद्मभूषण और डॉ. बीसी राय पुरस्कार जैसे सम्मानों से नवाजा जा चुका है।

डॉ. तेजस पटेल: मेडिकल क्षेत्र का एक चमकता सितारा

डॉ. तेजस पटेल का नाम सुनते ही हृदय रोग विशेषज्ञता की छवि उभरती है। वे अपेक्स हार्ट इंस्टीट्यूट के चेयरमैन और चीफ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट हैं। उनके पास 700 से अधिक जटिल पर्क्यूटेनियस इंटरवेंशन सर्जरी करने का रिकॉर्ड है, जिनकी सफलता दर 99.8% है। यह आंकड़ा अपने आप में उनकी कुशलता को दर्शाता है। डॉ. तेजस ने न सिर्फ भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। 2018 में उन्होंने दुनिया की पहली टेलीरोबोटिक हार्ट सर्जरी की थी, जो मेडिकल साइंस में एक क्रांतिकारी कदम था। उनकी इस उपलब्धि ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर सुर्खियां दिलाईं।

क्यों चुना गया अहमदाबाद?

डॉ. ग्रेनेट के मामले में यह सवाल उठना लाजमी है कि अमेरिका जैसे विकसित देश के बजाय उन्होंने अहमदाबाद को क्यों चुना। रोजमेरी ने बताया कि अमेरिकी डॉक्टरों ने भी उन्हें बायपास सर्जरी की सलाह दी थी, लेकिन एंडार्टरेक्टामी के लिए अहमदाबाद जाने की सिफारिश की। डॉ. अमन, जो इस सर्जरी से जुड़े थे, ने कहा, “डॉ. ग्रेनेट की धमनियों में बायपास के लिए जगह नहीं थी। अमेरिका में उनके पास स्वास्थ्य बीमा और पैसों की कोई कमी नहीं थी, लेकिन वे स्थायी इलाज चाहते थे।” यही वजह थी कि उन्होंने भारत और खास तौर पर डॉ. तेजस को चुना।

मेडिकल टूरिज्म में भारत की बढ़ती ताकत

भारत में मेडिकल टूरिज्म का बाजार 2024 में USD 7.69 बिलियन था और 2029 तक इसके USD 14.31 बिलियन तक पहुंचने की संभावना है, जिसमें 13.23% की CAGR दर से वृद्धि होगी। यह वृद्धि मुख्य रूप से किफायती और विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं के कारण हो रही है।

मरीजों की संख्या और विकास

2023 में भारत में 6.1 मिलियन विदेशी मरीजों ने इलाज कराया, और 2024 में यह संख्या 7.3 मिलियन तक पहुंच सकती है। यह आंकड़ा 2019 के प्री-पैंडेमिक स्तर से भी अधिक है, जिससे साफ होता है कि यह क्षेत्र तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।

मुख्य कारण और सरकारी पहल

  • किफायती और गुणवत्तापूर्ण उपचार, विशेष रूप से हृदय शल्य चिकित्सा, ऑर्थोपेडिक्स और दंत चिकित्सा
  • ई-मेडिकल वीजा की सुविधा, जिससे 167 देशों के नागरिकों को लाभ मिला।
  • कम वेटिंग टाइम और NABH, JCI-मान्यता प्राप्त अस्पतालों की मौजूदगी।
मेडिकल टूरिज्म में भारत की बढ़ती ताकत
मेडिकल टूरिज्म में भारत की बढ़ती ताकत

भविष्य की संभावनाएं

सरकार की “Heal in India” पहल और निजी निवेश से यह क्षेत्र और विस्तारित होगा, जिससे भारत एक वैश्विक चिकित्सा केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।

यह घटना न सिर्फ  भारत में मेडिकल टूरिज्म की बढ़ती लोकप्रियता का एक और उदाहरण है। बल्कि  किफायती लागत, विश्वस्तरीय सुविधाएं और विशेषज्ञ डॉक्टरों की मौजूदगी ने भारत को इस क्षेत्र में अग्रणी बनाया है। वाइब्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अपेक्स हार्ट इंस्टीट्यूट ने मेडिकल टूरिज्म को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। डॉ. ग्रेनेट जैसे मरीजों का भारत आना इस बात का सबूत है कि यहां की स्वास्थ्य सेवाएं अब वैश्विक मानकों को चुनौती दे रही हैं।

अपेक्स हार्ट इंस्टीट्यूट: एक विश्वस्तरीय संस्थान

अहमदाबाद का अपेक्स हार्ट इंस्टीट्यूट हृदय रोगों के इलाज के लिए एक प्रमुख केंद्र है। यहां दो अत्याधुनिक कैथलैब और दो अडवांस्ड कार्डियक सर्जिकल थिएटर हैं। यह संस्थान न सिर्फ तकनीक के मामले में आगे है, बल्कि मरीजों को दी जाने वाली देखभाल के लिए भी जाना जाता है। डॉ. ग्रेनेट ने भी इसकी तारीफ की और कहा, “मैंने कई अस्पताल देखे, लेकिन अपेक्स की साफ-सफाई और सुविधाएं बेजोड़ हैं।” यह अस्पताल JCI और NABL जैसे मानकों से प्रमाणित है, जो इसकी गुणवत्ता को और पुख्ता करता है।

डॉ. ग्रेनेट की नई शुरुआत

सर्जरी के बाद डॉ. ग्रेनेट अब पूरी तरह स्वस्थ हैं और अमेरिका वापस लौटने की तैयारी में हैं। उनकी यह यात्रा न सिर्फ एक मरीज और डॉक्टर के बीच भरोसे की कहानी है, बल्कि भारत की मेडिकल क्षमताओं का भी प्रदर्शन करती है। रोजमेरी ने कहा, “हमें खुशी है कि हमने यह फैसला लिया। डॉ. तेजस और उनकी टीम ने हमें नई जिंदगी दी।” यह घटना उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो अपने स्वास्थ्य के लिए बेहतर विकल्प तलाश रहे हैं।

भारत का भविष्य: मेडिकल हब के रूप में उभरता देश

डॉ. ग्रेनेट की कहानी भारत के मेडिकल टूरिज्म के उज्ज्वल भविष्य की ओर इशारा करती है। किफायती इलाज के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं और डॉ. तेजस जैसे विशेषज्ञों की मौजूदगी भारत को एक मेडिकल हब बना रही है। यह न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की साख को भी मजबूत कर रहा है। आने वाले सालों में मेडिकल टूरिज्म भारत के लिए एक बड़ा उद्योग बन सकता है, और अहमदाबाद जैसे शहर इसमें अहम भूमिका निभा सकते हैं।
Deepak Kumar Choudhary, [03-04-2025 06:27]

 

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