भारत का ‘ऑपरेशन सिंदूर – भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चर्चा में है। भारतीय सेना ने इस साझा ऑपरेशन की विस्तार से जानकारी दी, जिसमें आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने रफ़ाल हमलों और नागरिक इलाकों को निशाना बनाने के दावे किए, जबकि भारतीय सेना ने इन आरोपों को खारिज किया और अपनी कार्रवाई को सीमित, सटीक और आतंकवाद विरोधी बताया। आइए जानते हैं दोनों देशों के दावे, सेना की रणनीति और आगे की बातचीत की स्थिति।
ऑपरेशन सिंदूर: क्या है इसकी पृष्ठभूमि?
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7 मई 2025 को भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoJK) में नौ आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए।
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यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी।
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भारतीय वायुसेना ने रफ़ाल और अन्य लड़ाकू विमानों से SCALP मिसाइल और हैमर बम का इस्तेमाल किया।
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भारतीय सेना के DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई के अनुसार, इन हमलों में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें कई हाई-प्रोफाइल आतंकी शामिल थे।

ऑपरेशन सिंदूर पर भारतीय सेना और सरकार का पक्ष
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सेना ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर पूरी तरह आतंकवादी ढांचों को नष्ट करने के लिए था, किसी भी नागरिक या पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया.
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DGMO ने बताया, “हमारी कार्रवाई सीमित, नपी-तुली और सटीक रही है। अगर देश की सुरक्षा को खतरा हुआ, तो जवाब और भी कड़ा होगा।”
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वायुसेना के एयर मार्शल एके भारती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में हमलों से पहले और बाद की सैटेलाइट तस्वीरें साझा कीं, जिससे टारगेट की पुष्टि हुई।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को स्पष्ट निर्देश दिए: “वहां से गोली चलेगी, यहां से गोला चलेगा।” यानी हर कार्रवाई का जवाब और भी सख्ती से दिया जाएगा.
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नौसेना के वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान भारतीय नौसेना पूरी तरह तैयार थी और पाकिस्तान की नौसेना को बंदरगाह तक सीमित कर दिया गया था।
पाकिस्तान के दावे और जवाब
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पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि भारतीय वायुसेना ने रफ़ाल विमानों से नागरिक इलाकों और मस्जिदों को निशाना बनाया, जिसमें 31 नागरिकों की मौत हुई।
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पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि उनके जवाबी हमलों में भारतीय ठिकानों को नुकसान पहुंचाया गया और ‘ऑपरेशन बुनियान अल-मर्सूस’ के तहत भारत के कई शहरों को निशाना बनाया गया।
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पाकिस्तान ने संघर्षविराम के उल्लंघन का आरोप लगाया और 11 मई को ‘यौम-ए-तशक्कुर’ (आभार दिवस) मनाने की घोषणा की।
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हालांकि, भारत ने इन दावों को सिरे से खारिज किया और कहा कि सभी हमले आतंकवादी ढांचों पर केंद्रित थे, नागरिकों को नुकसान नहीं पहुंचाया गया।


ऑपरेशन सिंदूर पर साझा ऑपरेशन और बातचीत की स्थिति
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10 मई को दोनों देशों के बीच संघर्षविराम पर सहमति बनी, लेकिन कुछ घंटों बाद ही दोनों ओर से उल्लंघन के आरोप सामने आए।
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DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से संघर्षविराम का प्रस्ताव आया, जिस पर भारत ने सहमति दी, लेकिन जल्द ही उल्लंघन हुआ।
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दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच हॉटलाइन पर बातचीत जारी है और 12 मई को आगे की वार्ता प्रस्तावित है।
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भारतीय सेना ने चेताया कि अगर फिर से उल्लंघन हुआ, तो जवाब और भी कड़ा होगा।
रणनीतिक बदलाव और ‘न्यू नॉर्मल’
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भारतीय सेना और सरकार ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति बदल गई है-अब हर हमले का जवाब सख्ती से दिया जाएगा।
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सूत्रों के अनुसार, “यह नया सामान्य है, पाकिस्तान को अब इस हकीकत को स्वीकार करना होगा।”
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भारत ने किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को सिरे से नकारा और कहा कि केवल पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर की वापसी पर ही चर्चा हो सकती है।
ऑपरेशन सिंदूर के प्रमुख आंकड़े और तथ्य
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ऑपरेशन सिंदूर में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष नेता शामिल थे।
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35-40 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि भारतीय सेना ने की।
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भारतीय सेना के 5 जवान शहीद हुए।
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नौसेना की तैनाती ने पाकिस्तान की नौसेना को बंदरगाह तक सीमित कर दिया5।
FAQ
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कितने आतंकवादी मारे गए
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराने का दावा किया है। यह जानकारी सेना के महानिदेशक सैन्य अभियान (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। मारे गए आतंकियों में कई हाई-प्रोफाइल नाम जैसे यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदस्सिर अहमद शामिल हैं.
पाकिस्तानी सेना के दावों के बारे में भारतीय सेना ने क्या कहा
भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी सेना के दावों को सिरे से खारिज किया है। पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने भारतीय राफेल जेट को मार गिराया, भारतीय सैन्य ठिकानों (जैसे S-400, ब्रह्मोस मिसाइल बेस, एयरफील्ड्स) और धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुँचाया, लेकिन भारतीय सेना ने इन सभी बातों को “झूठा और तथ्यहीन” बताया।
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एयर मार्शल एके भारती और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि सभी भारतीय राफेल जेट और पायलट पूरी तरह सुरक्षित हैं।
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कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा भारतीय सैन्य ठिकानों और धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुँचाने के दावे “जमीन से कोसों दूर हैं” और भारत की कार्रवाई केवल आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ थी।
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विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने भी पाकिस्तान के मंदिरों और मस्जिदों को निशाना बनाए जाने के आरोपों को सिरे से नकारा।
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सेना ने यह भी बताया कि पाकिस्तान की ओर से फैलाई जा रही झूठी सूचनाओं का तथ्यात्मक जवाब दिया गया है, और भारतीय सेना ने पाकिस्तान के सैन्य ढांचे, एयर डिफेंस सिस्टम और रडार को भारी नुकसान पहुँचाया है।
भारतीय सेना ने दोहराया कि वह संघर्षविराम का पूरी तरह पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन किसी भी दुस्साहस का कड़ा जवाब दिया जाएगा।
ऑपरेशन सिंदूर के बारे में पाकिस्तानी मीडिया की क्या प्रतिक्रिया है
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पाकिस्तानी मीडिया की प्रतिक्रिया काफी तीखी और भावनात्मक रही। प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
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पाकिस्तानी मीडिया ने भारत की एयर स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर तुरंत लाइव कवरेज शुरू की, जिसमें इसे “भारतीय आक्रामकता” और “सीमा उल्लंघन” बताया गया56।
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कई पाकिस्तानी चैनलों ने दावा किया कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के सैन्य और नागरिक ठिकानों को निशाना बनाया, जिससे आम नागरिकों की जान गई। हालांकि, भारतीय सेना ने इन दावों को खारिज किया है।
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पाकिस्तानी मीडिया में यह भी कहा गया कि पाकिस्तान की वायुसेना और सेना ने जवाबी कार्रवाई की और भारतीय हमलों को “नाकाम” कर दिया5।
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कुछ चैनलों और अखबारों ने सरकार और सेना से “मुंहतोड़ जवाब” देने की मांग की और भारत के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही।
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सोशल मीडिया और टेलीविजन डिबेट्स में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पाकिस्तान में चिंता, गुस्सा और असुरक्षा का माहौल दिखा।
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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के “इमेज डैमेज” और भारत की सैन्य क्षमता की खुलेआम चर्चा भी पाकिस्तानी मीडिया में देखने को मिली6।
कुल मिलाकर, पाकिस्तानी मीडिया ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारत के कदम की आलोचना की, अपनी सरकार और सेना की प्रतिक्रिया को प्रमुखता दी, और इसे क्षेत्रीय तनाव बढ़ाने वाला कदम बताया।
निष्कर्ष
ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति में निर्णायक बदलाव का संकेत दिया है। सेना और सरकार दोनों ने स्पष्ट किया कि अब हर आतंकी कार्रवाई का जवाब सख्ती और सटीकता से मिलेगा। पाकिस्तान के दावों और भारत के जवाब के बीच बातचीत की उम्मीदें बनी हुई हैं, लेकिन दोनों देशों के बीच भरोसे की कमी अब भी चुनौती है।
आपका क्या विचार है? क्या भारत की नई रणनीति से स्थायी शांति संभव है? अपने विचार कमेंट में साझा करें!
लेखक बायो:
दीपक चौधरी, एक अनुभवी रक्षा पत्रकार हैं, जो पिछले 4 वर्षों से भारत-पाक संबंधों, सुरक्षा नीति और सामरिक मामलों पर लेखन कर रहे हैं। उनकी रिपोर्टिंग में निष्पक्षता और गहराई की पहचान है।
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