Shab-e-Barat 2025: एक मुबारक रात की अहमियत, इबादत और सेहरी का समय

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Shab-e-Barat 2025

नई दिल्ली, 2025: इस्लामिक कैलेंडर में Shab-e-Barat एक खास और मुक़द्दस रात मानी जाती है। इसे “बरात की रात” या “माफी की रात” भी कहा जाता है। इस रात को अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी माँगने, इबादत करने और अपने अजीजों के लिए दुआ करने का खास महत्व है। Shab-e-Barat 2025 की तारीख और इसकी अहमियत को जानना हर मुसलमान के लिए जरूरी है।

Shab-e-Barat 2025 कब है?

इस्लामिक हिजरी कैलेंडर के अनुसार, Shab-e-Barat 14वीं शाबान की रात को मनाई जाती हैShab-e-Barat 2025 इस्लामी तारीख के अनुसार 13 और 14 मार्च 2025 की रात को होगी। इस रात में मुस्लिम समुदाय पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ इबादत में मशगूल होता है।

Shab-e-Barat का महत्व

Shab-e-Barat का अरबी में अर्थ है “रात का बख्शीश और मुक्ति से ताल्लुक”। यह रात इबादत, तौबा और अल्लाह की रहमत को हासिल करने की रात मानी जाती है। इस रात को अल्लाह अपने बंदों की तक़दीर लिखता है और लोगों के गुनाह माफ करने की खुशखबरी दी जाती है।

हदीसों में आता है कि इस रात अल्लाह अपनी रहमत से कई लोगों को जहन्नम से आजाद कर देता है। इसलिए, मुसलमान इस रात को जाग कर Shab-e-Barat Ki Namaz पढ़ते हैं, कुरआन की तिलावत करते हैं और अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं।

Shab-e-Barat Ki Namaz: इस रात की इबादत कैसे करें?

Shab-e-Barat की रात को इबादत करने का बहुत सवाब (पुण्य) बताया गया है। इस रात को तहज्जुद की नमाज पढ़ने, नफिल नमाज अदा करने, तौबा करने और अपने लिए और अपने गुज़र चुके अजीजों के लिए दुआ करने का खास महत्व है।

Shab-e-Barat Ki Namaz का तरीका:

  1. इशा की नमाज अदा करने के बाद, ज्यादा से ज्यादा नफिल नमाज पढ़ी जाती है।
  2. 8 रकात (दो-दो करके) नफिल नमाज पढ़ने की तवसीयत (सलाह) दी जाती है।
  3. सूरह यासीन या सूरह मुल्क की तिलावत करनी चाहिए।
  4. अपने लिए, माता-पिता और सभी मुसलमानों के लिए दुआ करनी चाहिए।
  5. कुछ लोग इस रात कब्रिस्तान जाकर अपने गुजर चुके अजीजों के लिए मगफिरत की दुआ करते हैं।

Shab-e-Barat और सेहरी का समय 2025

चूंकि Shab-e-Barat 2025 की रात को लोग जाग कर इबादत में मशगूल होते हैं, इसलिए सुबह की सेहरी (सुबह का भोजन) भी एक अहम हिस्सा बन जाती है।

भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अन्य मुस्लिम देशों में Shab-e-Barat Sehri Time 2025 इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से तय किया जाएगा। लेकिन आमतौर पर फजर की अज़ान से पहले तक सेहरी की जाती है।

Shab-e-Barat को लेकर प्रचलित मान्यताएँ

  • इस रात को कुछ लोग “बरकतों की रात” भी कहते हैं क्योंकि इसे रिज़्क, सेहत और माफी की रात माना जाता है।
  • कुछ इलाकों में इस मौके पर हलीम, मिठाई और खास पकवान बनाकर पड़ोसियों और गरीबों में बांटे जाते हैं।
  • हालांकि, इस्लाम में आतिशबाजी और दिखावे के कामों को गलत माना गया है, इसलिए इस रात को सिर्फ इबादत और दुआ के साथ मनाना चाहिए।

निष्कर्ष

Shab-e-Barat 2025 एक मुक़द्दस और बरकतों से भरी रात होगी, जिसमें हर मुसलमान को अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी माँगनी चाहिए और ज्यादा से ज्यादा इबादत करनी चाहिए। यह रात हमारे लिए तौबा और खुदा के करीब जाने का एक बेहतरीन मौका है।

क्या आपने Shab-e-Barat 2025 के लिए तैयारी कर ली है? अपनी इबादत की योजना बनाइए और इस रात की बरकतों से भरपूर फायदा उठाइए।

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