Waqf Amendment Bill 2025: हंगामें और विरोध के बीच पास, मोदी फिर जीते

Waqf Amendment Bill 2025

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Waqf Amendment Bill 2025: लोकसभा और राज्यसभा में पारित, विरोध और समर्थन के बीच गूंजती बहस

नई दिल्ली, 3 अप्रैल 2025: भारत की संसद में आज एक ऐतिहासिक दिन रहा जब वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 (Waqf Amendment Bill 2025) को राज्यसभा में लंबी और तीखी बहस के बाद पारित कर दिया गया। यह विधेयक, जो पहले बुधवार देर रात लोकसभा में 288-232 वोटों से पास हुआ था, आज राज्यसभा में 128-95 के मतों से मंजूरी पा गया। अब यह बिल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास हस्ताक्षर के लिए जाएगा, जिसके बाद यह कानून बन जाएगा। लेकिन इस विधेयक को लेकर देश भर में बहस छिड़ी हुई है—क्या यह वक्फ बोर्ड को पारदर्शी बनाएगा या यह अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला है? आइए, इसे गहराई से समझते हैं।

Waqf Amendment Bill 2025
Waqf Amendment Bill 2025

वक्फ और वक्फ बोर्ड क्या है?

वक्फ (What is Waqf) एक इस्लामिक परंपरा है, जिसमें कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति को धर्मार्थ या सामाजिक कार्यों के लिए दान कर देता है। भारत में वक्फ बोर्ड इस तरह की संपत्तियों का प्रबंधन करता है, जो मस्जिदों, कब्रिस्तानों, और मदरसों जैसी जगहों के रखरखाव के लिए इस्तेमाल होती हैं। देश में करीब 8.72 लाख वक्फ संपत्तियां हैं, और इनकी देखरखाव के लिए 1995 में वक्फ अधिनियम बनाया गया था। लेकिन लंबे समय से इन संपत्तियों के कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अवैध कब्जे की शिकायतें सामने आती रही हैं।

Waqf Amendment Bill 2025 क्या है?

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 (Waqf Amendment Bill 2025 Explained) को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने पेश किया था। इसका मकसद वक्फ बोर्ड के कामकाज में पारदर्शिता, जवाबदेही और दक्षता लाना बताया गया है। इस बिल में कई बड़े बदलाव शामिल हैं:

  • वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करना, हालांकि उनकी संख्या 22 में से सिर्फ 4 तक सीमित होगी।
  • वक्फ संपत्तियों का केंद्रीकृत पोर्टल के जरिए रजिस्ट्रेशन और प्रबंधन।
  • वक्फ बनाने के लिए कम से कम 5 साल तक इस्लाम का पालन करने की शर्त।
  • वक्फ संस्थानों का 1 लाख रुपये से ज्यादा कमाई पर राज्य द्वारा नियुक्त ऑडिटर से ऑडिट।
  • विवादों के निपटारे के लिए मजबूत वक्फ ट्रिब्यूनल और समय-सीमा तय करना।

सरकार का कहना है कि यह वक्फ बोर्ड बिल (Waqf Board News) गरीब मुस्लिमों, महिलाओं और अनाथ बच्चों को लाभ पहुंचाएगा। लेकिन विपक्ष इसे संविधान के खिलाफ और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला बता रहा है।

Waqf Amendment Bill 2025 lolksabha men bahas
Waqf Amendment Bill 2025 Lolksabha Men Bahas

लोकसभा में क्या हुआ?

बुधवार को लोकसभा लाइव (Lok Sabha Live) प्रसारण में 12 घंटे से ज्यादा चली बहस में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। किरन रिजिजू ने कहा, “यह बिल किसी के धार्मिक अधिकारों पर हमला नहीं है, बल्कि संपत्तियों को सुरक्षित करने का कदम है।” वहीं, अमित शाह (Amit Shah Waqf Bill) ने विपक्ष पर भ्रामक प्रचार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने 2013 में वोट बैंक के लिए वक्फ कानून को कड़ा किया था, जिसकी वजह से आज यह संशोधन जरूरी हो गया।”

विपक्षी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, और गौरव गोगई ने इसे संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन बताया, जो धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है। एनके प्रेमचंद्रन और कल्याण बनर्जी जैसे सांसदों ने बिल के कुछ प्रावधानों, जैसे गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने, पर संशोधन की मांग की, लेकिन ये खारिज हो गए। आखिरकार, लोकसभा में वक्फ बिल वोटिंग (Waqf Bill Voting) में NDA को जीत मिली।

राज्यसभा में तूफानी बहस

गुरुवार को राज्यसभा लाइव (Rajya Sabha Live) में भी माहौल गर्म रहा। राज्यसभा में NDA के पास बहुमत नहीं था, लेकिन बीजेडी (BJD Party) और वाईएसआरसीपी जैसी पार्टियों ने अपने सांसदों को “अंत:करण के आधार पर वोट” देने की छूट दी, जिससे समीकरण बदल गए। जेपी नड्डा ने कहा, “विपक्ष मुस्लिमों को डराने की कोशिश कर रहा है, जबकि यह बिल लैंड माफिया को रोकने के लिए है।” एचडी देवेगौड़ा (H D Devegowda) ने भी बिल का समर्थन किया और इसे “सामाजिक न्याय की जीत” बताया।

लेकिन जॉन ब्रिटास (CPI-M), तेजस्वी सूर्या (BJP), और इमरान मसूद (कांग्रेस) जैसे नेताओं ने इसे “असंवैधानिक” करार दिया। MDMK और TDP के कुछ सांसदों ने भी इसका विरोध किया। जगदंबिका पाल और श्रीकांत शिंदे ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि यह बिल वक्फ संपत्तियों को व्यवस्थित करेगा। राज्यसभा वोटिंग (Rajya Sabha Voting) में 128 सांसदों ने पक्ष में और 95 ने खिलाफ वोट दिया।

वक्फ संशोधन विधेयक की आलोचना और समर्थन

वक्फ संशोधन विधेयक की आलोचना (Waqf Amendment Bill Criticism) में विपक्ष का कहना है कि यह संघीय ढांचे और अल्पसंख्यक अधिकारों पर हमला है। खड़गे ने चेतावनी दी, “यह देश भर में विवाद खड़ा करेगा।” वहीं, आज की खबर में कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सेक्शन 40 जैसे प्रावधान, जो संपत्ति की जांच का अधिकार कलेक्टर को देते हैं, विवाद बढ़ा सकते हैं।

दूसरी ओर, BJP और समर्थक इसे पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम बता रहे हैं। कृष्ण प्रसाद तेनेटी जैसे नेताओं का कहना है कि यह वक्फ बोर्ड को “असीमित अधिकारों” से रोकेगा।

वक्फ बिल पास हुआ या नहीं?

हां, वक्फ बिल पास (Waqf Bill Passed) हो गया है। लोकसभा और राज्यसभा, दोनों ने इसे मंजूरी दे दी। अब यह कानून बनने की राह पर है। इंडिया टीवी लाइव और रिपब्लिक टीवी लाइव जैसे चैनलों पर इसकी चर्चा जोरों पर है।

Waqf Amendment Bill 2025 इस बार मुस्लिम समुदाय में दो धड़े साफ दिखाई देते हैं

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को लेकर मुस्लिम समुदाय में दो धड़े साफ दिखाई देते हैं। शायद यह भी बीजेपी की रणनीति का हिस्सा था।

समर्थन करने वाले मुसलमानों का मानना है कि यह बिल वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता लाएगा और संपत्तियों के कुप्रबंधन को रोकेगा। उनका कहना है कि इससे गरीब मुस्लिमों, महिलाओं और बच्चों को फायदा होगा, क्योंकि अवैध कब्जे और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। कुछ का तर्क है कि गैर-मुस्लिम सदस्यों की मौजूदगी बोर्ड को अधिक निष्पक्ष बनाएगी।

दूसरी ओर, विरोध करने वाले मुसलमान इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला मानते हैं। उनका कहना है कि गैर-मुस्लिमों को शामिल करना और 5 साल तक इस्लाम पालन की शर्त वक्फ की मूल भावना के खिलाफ है। वे डरते हैं कि इससे संपत्तियां सरकार के हाथों में चली जाएंगी, जिससे मस्जिदों, मदरसों और कब्रिस्तानों पर खतरा मंडराएगा। विपक्षी मुस्लिम नेताओं का आरोप है कि यह बिल अल्पसंख्यकों को कमजोर करने की साजिश है।

Waqf Amendment Bill 2025 बीजेपी की मजबूत रणनीति

बीजेपी ने Waqf Amendment Bill 2025 को पास करने के लिए मजबूत रणनीति अपनाई।

सबसे पहले, लोकसभा में अपने बहुमत (240 सीटें) और एनडीए सहयोगियों (टीडीपी, जेडीयू, एलजेपी) के समर्थन से 288 वोट हासिल किए।

दूसरे, राज्यसभा में 125 सांसदों के साथ बीजेडी और वाईएसआरसीपी जैसे दलों की ढीली नीति का फायदा उठाया, जिससे 128 वोट मिले।

तीसरे, पार्टी ने बिल को पारदर्शिता और गरीब मुस्लिमों के हित का मुद्दा बनाकर जन समर्थन जुटाया। अमित शाह और जेपी नड्डा ने विपक्ष के “धर्म विरोधी” दावों का जवाब दिया।

चौथे, संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के जरिए बिल को मजबूत आधार दिया, जिसमें जगदंबिका पाल की अगुवाई में बदलाव सुझाए गए।

अंत में, बीजेपी ने लंबी बहस (लोकसभा में 12 घंटे, राज्यसभा में 8 घंटे) के दौरान विपक्ष को थकाया और वोटिंग में जीत सुनिश्चित की। इस तरह, गठबंधन, प्रचार और संसदीय रणनीति से बिल पास हुआ।

आगे क्या?

वक्फ बिल अपडेट (Waqf Bill Update) के मुताबिक, अब यह देखना बाकी है कि इसका जमीनी असर क्या होगा। क्या यह वक्फ बोर्ड को मजबूत करेगा या नए विवादों को जन्म देगा? आज की न्यूज़ में यह सवाल हर किसी के जहन में है। इस बीच, विपक्ष ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। आने वाले दिन बताएंगे कि यह वक्फ संशोधन विधेयक 2025 भारत के सामाजिक ताने-बाने को कैसे प्रभावित करता है।

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